Sunday, September 22, 2024

201 महिलाओं की कलशयात्रा से शुरू हुई भागवत कथा

जयपुर। व्यापार मंडल मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण, बाई जी के बैनर तले श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महोत्सव का शुभारंभ गुरुवार बजे श्री गोविन्द देव जी मंदिर से 201 महिलाओं की निकलने वाली कलशयात्रा से हुआ। इस दौरान आसपास का क्षेत्र भक्ति और आस्था के रंग में डूब गया। व्यापार मंडल मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण, बाई जी के अध्यक्ष श्रीराम शर्मा व मंत्री महेन्द्र शर्मा ने बताया कि भागवत कथा का शुभारंभ आज श्री गोविन्द देव जी मंदिर से 201 महिलाओं की निकलने वाली कलशयात्रा से हुआ। हाथी, घोड़े व बग्गियों के साथ निकली इस कलशयात्रा में 201 महिलाएं सिर पर मांगलिक कलश लेकर चल रही थी। वहीं कलशयात्रा में शामिल श्रद्धालु भजनों की मधुर स्वर लहरियों पर नाचते-गाते हुए चले रहे थे। बग्गी में रामरतन दास जी महाराज विराजमान होकर चल रहे थे। कलशयात्रा हवा महल, बड़ी चोपड़ स्थित मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण बाई जी पहुंची। जहां पर पूजा-अर्चना की गई। इसी दिन दोपहर में व्यास पीठ से वृंदावन नंदगांव के परम पूज्य श्याम सुंदर गोस्वामी जी भागवत महात्म्य, धुंधकारी व गौकर्ण कथा पर प्रवचन करते हुए कहा कि भागवत कथा सुखों की जननी है, जिसके श्रवण मात्र से जीवन में वास्तविक सुख का अनुभव होता है। भागवत कथा की प्रत्येक पंक्तियां श्रवण करने से जीवन में वास्तविक सुख का अनुभव होता है। उन्होंने आगे कहा कि जिस घर में श्रीमद भागवत के नियमित पाठ होते हैं,वह घर स्वर्ग के सामान माना जाता है। इस मौके पर चंदाराम गुर्जर हनुमान सोनी, दिनेश शर्मा, जय कुमार सोनी, दिलीप अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, बाबू लाल सोनी व मनीष नागौरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि महोत्सव के तहत शुक्रवार श्री शुक्रदेव जन्म, हिरण्याकक्ष वध व कपिल श्रुति संवाद, 5 को सती चरित्र, नृसिंह अवतार, श्री मोहिनी व वामन प्राकट्य की कथा सुनाएंगे। 6 को गजेन्द्र मोक्ष,श्री राम जन्म के बाद भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव नंदोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। महोत्सव के तहत 7 को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला, कालिया मर्दन के बाद गिर्राज पूजन व 56 भोग की झांकी सजाई जाएगी। महोत्सव के तहत 8 को श्री रास पंचाध्यायी, उद्धव गोपी संवाद, कंस उद्धार व रूकमणि विवाह के बाद अंतिम दिन 9 को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष व भागवत पूजन के साथ कथा की पूर्णाहुति होगी।अंतिम दिन 10 को सुबह 10 हवन के साथ कथा की पूर्णाहुति होगी। कथा रोजाना दोपहर 2 बजे से साम 6 बजे तक होगी।

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