सुनिल चपलोत/चैन्नाई। भक्ति हमारी सच्ची है तो जीते जी हो जाएंगे हमें भगवान के दर्शन। श्री एस.एस. जैन संघ साहूकार पेठ के जैन भवन मे रविवार को विषेश धर्मसभा मे भक्ति की शक्ति का महत्व बताते हुए महासाध्वी धर्मप्रभा ने हजारों श्रध्दालूओ से कहा कि नृसिंहजी ने सामान्य मनुष्य का जीवन जीते हुए श्री कृष्ण को प्राप्त कर लिया। उन्होंने अपनी भक्ति से भगवान को प्रसन्न कर प्रभु के दर्शन कर लिए। हम भी भगवान के दर्शन मनुष्य शरीर में रहते हुए कर सकते हैं। नृसिंह जी बचपन से ही गूंगे और बहरे थे। किसी संत ने उन्हें मंत्र दिया। उसका जप करने से उन्हें श्रवण शक्ति के साथ बोलने की शक्ति भी प्राप्त हो गई।तो नृसिंह जी ने अपना जीवन श्री कृष्ण कि भक्ति मे लगा दिया।शक्ति से भक्ति होती हैं।भक्ति में शक्ति होती हैं,यह बात अगर मनुष्य के समझ मे आ जाए और मनुष्य परमात्मा की भक्ति मे लीन हो जाए, तो जीते जी परमात्मा के दर्शन कर सकता है। ईश्वर भी उसी भक्त की सुनता है जो उसकी सच्चे मन से भक्ति करता है और उसे याद करता हैं।तो भगवान भी तुंरत उससे मिलने आ जाएंगे। भक्ति कि महिमा सभी धर्म गंथों मे बताई गई है। जब इंसान के मन भक्ति कि परिकाष्ठा हो जाती है तो भक्त और भगवान मे भेद नही रहता है। आज वर्तमान समय मे देखा जाता है कि भक्ति मे दिखावा औंर आडंबर है। और मनुष्य मे अंहकार, दुगर्णो के रहतें सच्ची भक्ति और समर्पण वालें भाव लुप्त होतें जा रहें है। इसलिए भगवान के दर्शन दुलर्भ है। इसलिए मनुष्य को चाहिए सरल बने और निस्वार्थ भाव से भगवान की भक्ति करे। क्योंकि भक्ति के अतिरिक्त संसार मे भटकते हुए प्राणी को पचाने वाला कौई आलम्ब नहीं है। और डुबते हुए प्राणी को तिराने वाली नाव है तो भगवान के नाम कि भक्ति ही है। आज के विषेश प्रोग्राम मे गौतम प्रसादी के लाभार्थी एम. अजितराज,एन.राकेश कुमार कोठारी प्रभावना के लाभार्थी महावीर चन्द कोठारी, साफा बंधवाने के लाभार्थी शांति लाल गेलड़ा आदि का एवं गणमान्य अतिथीयो का श्री एस.एस.जैन संघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया, महामंत्री सज्जनराज सुराणा, चैयरमैन उत्तमचन्द श्रीश्रीमाल, सुरेश डूगरवाल, सुभाष कांकलिया, पदमचन्द ललवानी, हस्तीमल खटोड़, रमेशचन्द दरडा, बादलचन्द कोठारी, माणकचन्द खाबिया, शम्भूसिंह कावड़िया, जितेंद्र भंडारी, मोतीलाल ओस्तवाल,अशोक कांकरिया, अशोक सिसोदिया, कमल खाबिया, महावीर ललवानी, भरत नाहर, तारेश बेताला आदि पदाधिकारियों ने प्रोग्राम के लाभार्थियों और अतिथीयो का शोल माला पहनाकर स्वागत किया। महावीर सिसोदिया ने बताया कि प्रोग्राम मे महिला पुर, पुरूवाक्कम, सहीदा पेठ, वड़ापल्ली, तैनामपेठ टंडियारपेठ, तामब्ररम, क्रोमपेठ, श्री पेरम्बतुर, विल्लीवाकम, वेलेचेरी, नंगनलूर, आलंदूर, शनायनगर वानागरम, अम्बतुर, आवड़ी, तिरूवईकाड, पाड़ी, अनानगर, कुंनतुरू, एम एम नगर, वानियमवाड़ी अइनावरम आदि उपनगरों के साथ हजारों श्रध्दालूओ की विषेश धर्मसभा मे उपस्थिति रही। साध्वी धर्मप्रभा साध्वी स्नेहप्रभा कि प्रेरणा से जीव दया मे अच्छी खासी धन राशि प्राप्त हुई। प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने जानकारी देते बताया कि कार्यक्रम के प्रश्चात जय संस्कार महिला मंडल, जैन संस्कार मंच, जैन संस्कार मंच महिला शाखा द्वारा भक्ति कि शक्ति श्री कृष्ण नृसिंहजी नानीबाई पर नाटिका का मंचन किया गया।