नारेली, नाकोड़ा, जहाज मंदिर, पावापुरी, भेरू तारक, जीरावाला, गोल्डन टेंपल फालना, आदि तीर्थो के दर्शन किये
जयपुर। दिगंबर जैन सोशल ग्रुप सन्मति के 40 सदस्य चार दिवस की नाकोड़ा, जहाज मंदिर, पावापुरी धाम, भेरू तारक, जीरावाला, गोल्डन टेंपल फालना आदि तीर्थो के दर्शन कर 30 जुलाई को देर रात्रि में जयपुर वापस आये। ग्रुप अध्यक्ष राकेश – समता गोदिका ने बताया कि 27 जुलाई को दोपहर 2 बजे यह दल महावीर नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर से इस दल को रीजन अध्यक्ष राजेश बड़जात्या के नेतृत्व में रीजन पदाधिकारियों ने रवाना किया था। दर्शन- विनीता जैन मुख्य समन्वयक तथा विनोद – हेमा सोगानी व चक्रेश – पिंकी जैन समन्वयक ने बताया कि यात्री दल नारेली जैन मंदिर के दर्शन का 27 जुलाई को देर रात्रि नाकोड़ा पार्श्वनाथ पहुंचे । वहां पर रात्रि विश्राम के पश्चात प्रातः पार्श्वनाथ भगवान की मनोहारी प्रतिमा के साथ साथ नाकोड़ा भैरव आदि मंदिरों के दर्शन कर मन प्रफुल्लित हो गया। ग्रुप उपाध्यक्ष राकेश – रेणु संघी, सचिव अनिल – निशा संघी ने बताया कि यात्री दल 28 जुलाई नाकोड़ा से जहाज मंदिर के दर्शन करते हुए दोपहर को रवाना होकर पावापुरी धाम के दर्शन के लिये पावापुरी पहुंचा जहां पर बारिश की फुहारों के बीच मंदिर जी में विराजमान पार्श्वनाथ की प्रतिमा के दर्शन के साथ साथ भजन संध्या का भी भाव विभोर होकर आनंद प्राप्त किया। 29 जुलाई को प्रातः आर्ट गैलेरी का अवलोकन, जल मंदिर के दर्शन, गोशाला में गायों को चारा खिलाया । उल्लेखनीय है कि पावापुरी गोशाला में लगभग 5000 से अधिक गाये हैं। ग्रुप सयुक्त सचिव राजेश – रानी पाटनी व कोषाध्यक्ष अनिल – अनिता जैन के अनुसार 29 जुलाई को पावापुरी से भेरू तारक के मंदिर के दर्शन कर यात्री दल जीरावाला पार्श्वनाथ पहुंचा । जीरावाला पार्श्वनाथ के मंदिर में सैकडो की संख्या तीर्थंकर पार्श्वनाथ की मनोहारी प्रतिमाओं के दर्शन कर यात्रा की सारी थकान गायब हो गई। बरसात के बादलों के मध्य लाइटों के प्रकाश में जीरावाला पार्श्वनाथ मंदिर व धर्मशाला महल के समान लग रही थी। 30 जुलाई को प्रातः मंदिर के दर्शन कर तीर्थ यात्री फालना के मनोहारी गोल्डन टेंपल के दर्शन कर देर रात्रि जयपुर वापस पहुंचा।
जीरावाला पार्श्वनाथ, पावापुरी, नाकोड़ा पार्श्वनाथ की व्यवस्था देखने काबिल थी
सभी धर्मस्थलों की कमेटियों के पदाधिकारियों को एक बार अवश्य वहा जाना चाहिए: राकेश जैन गोदिका
जयपुर। सन्मति ग्रुप के अध्यक्ष व शाबाश इंडिया के संपादक राकेश जैन गोदिका ने बताया कि मैंने अपनी जिंदगी में बहुत से तीर्थ स्थानों के दर्शन किए परंतु जो सुंदर व व्यवस्थित व्यवस्था जीरावाला पार्श्वनाथ, पावापुरी धाम तथा नाकोड़ा पार्श्वनाथ के मंदिर, धर्मशाला तथा भोजनशाला में मिली वैसी कही भी नही मिली । धर्मशाला के कमरे कम किराए के बावजूद भी किसी होटल से कम नहीं थे। मंदिरों में लाइट नहीं थी फिर भी रात्रि में दीपक की रोशनी में सभी प्रतिमाएं बहुत मन भावक लग रही थी तथा भोजन शाला में कर्मचारी इतने व्यवस्थित व सुंदर तरीके से भोजन करवा रहे थे कि मन उनकी कार्यशैली का कायल हो गया। सबसे बड़ी बात कि इतने बड़े परिसरों के बावजूद भी सफाई की इतनी सुंदर व्यवस्था थी कि देख कर दंग रह गये। मेरा सभी धर्मस्थलों की कमेटियों के पदाधिकारियों से निवेदन हैं कि एक बार अवश्य वहां पर जाकर व्यवस्थाओं को देखना चाहिए तथा आने वाले यात्रियों को अपने अपने क्षेत्र में उससे भी बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास कर पुण्य का कार्य करना चाहिए।