Sunday, September 22, 2024

तीर्थ समाज के होते प्राण: गुरू माँ विज्ञाश्री माताजी

गुंशी, निवाई। प. पू. भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ का 29 वां साधनामय चातुर्मास श्री दिगंबर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ, गुन्सी , जिला – टोंक (राज.) में चल रहा है। आज श्री श्री 1008 शांतिनाथ विधान करने का सौभाग्य श्री विकास जी सरला जैन नोएडा वालों ने प्राप्त किया। चातुर्मास के अंतर्गत विविध धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम चला आ रहा है। आगामी 2 अगस्त 2023 बुधवार के दिन पूज्य गुरु मां का 51 वाँ स्वर्ण जयंती महोत्सव (समापन) के शुभ अवसर पर होगा 51 परिवारों के द्वारा श्री श्री 1008 शांतिनाथ महानुष्ठान (विधान)। साथ ही गुरु भक्त परिवार के द्वारा गुरु गुणगान, गुरु मां की अष्टद्रव्य का थाल सजाकर पूजन, पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट, वस्त्र भेंट का आयोजन होगा। श्री दिगंबर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ पर यात्रियों को सुविधा के लिए नवनिर्मित भोजनालय का उद्घाटन होने जा रहा है। माताजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि – तीर्थ समाज के प्राण होते हैं। समाज के हित में कारण तीर्थ ही हुआ करते हैं। तीर्थों की रक्षा, संवर्धन और हित के लिए प्रयास करना समाज का ही कर्तव्य है। इसी कर्तव्य का निर्वाह करने से आत्म कल्याण की सिद्धि होती है। आज हम अपने कार्यों में इतने व्यस्त हो गये कि अपने कर्तव्यों को भूलते जा रहे। जिस कारण हमारी प्राचीन संस्कृति, तीर्थ, शास्त्र आदि का लोप होता जा रहा है। हमें एकता के सूत्र में बंधकर इनकी रक्षा का प्रयत्न करना चाहिए।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article