धूमधाम से मना नंदोत्सव, लूटी खुशियों की उछाल
जयपुर। अधिक मास के अवसर पर श्री वल्लभ पुष्टिमार्गीय मंदिर प्रबंध समिति व श्री पुष्टिमार्गोय वैष्णव मंडल, जयपुर के बैनर तले मोहनबाड़ी स्थित श्री गोवर्धननाथ जी मंदिर में श्री गोवर्धन नाथ जी प्रभु व मथुराधीश स्वामी प्रभु के मनोरथों के दर्शन व 56 भोग महामहोत्सव के तहत आयोजित श्रीमद भागवत कथा में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव नंदोत्सव का उल्लास छाया। इस मौके पर खचाखच भरे पांडाल में बैठे श्रद्धालुओं ने जन्म कृष्ण कन्हैया, सबको बहुत बधाई….यशोदा मां के हुए लाल, बधाई सब मिल गाओ..नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल …जैसे बधाई गीतों के बीच भक्तों खिलौने, मेवे व फल की उछाल लूटी। इस दौरान कार्यक्रम में बैठा श्रद्धालुओं का समूह कान्हा के जन्म की खुशियां मनाता नजर आया। चप्पा-चप्पा कान्हा के जन्म की खुशियां मनाता नजर आया। इस मौके पर बड़ोदरा निवासी श्रीगिरिराज शास्त्री ने व्यास पीठ से कहा कि प्रभु चरित्रों का श्रवण करने से प्रभु की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। प्रभु के चरण कमल का स्मरण करने से सारे कष्ट नष्ट हो जाते है।जब प्रभु ने संसार में जन्म लिया, तब चारों ओर खुशियां छा गई, खुशी में लोग झूम रहे थे और कह रहे थे कि हमें पालने वाला आ गया। प्रभु की हर इच्छा व लीला को प्रसन्नता से स्वीकर करने वाला ही परम भक्त होता है। उन्होंने आगे कहा कि जब जीव ईश्वर तक पहुंचने में असमर्थ हो जाता है, तब ईश्वर ही जीव के स्तर पर उतरकर लौकिक लीलाएं करता है। जब-जब इस धरती पर दुष्टों का अत्याचार बढ़ता है, तब-तब धर्म की रक्षा के लिए अवतारी पुरुष जन्म लेते है। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में कब क्या हा जाए, इसका कोई भरोसा नहीं है। सारे कार्य स्वयं के हिसाब से यह भी पता नहीं है।जो काम करने वाले होते है,वो कब करके निकल जाते हैं, पता ही नहीं चलता और जिनको काम करना नहीं होता, वो उस कार्य को ना करने के बहाने बनाते हैं। कथा के समापन पर श्रीमद भागवत की आरती की गई। इसीदिन साम 7 बजे से विवाह का मनोरथ की झांकी सजाई गई जो भक्तों के बीच आकर्षण का केन्द्र रही। मंगलवार को निकुंज अष्टद्वार, फूलों की छतरी का मनोरथ की झांकी सजाई जाएगी। कार्यक्रम संयोजक नटवर गोपाल मालपानी ने बताया कि महोत्सव के तहत सुबह भक्ति भाव से वाणारसी, मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, सिरोंजी, जयपुर, बड़ौदा, जयपुर व सूरत से आए 131 वि़द्धानों ने श्रीमद भागवत के मूलपाठ किए। 28 जुलाई तक रोजाना सुबह 6 से 1 बजे तक सस्वर मूलपाठ व कथा रोजाना दोपहर 2 बजे से साम 7 बजे तक होगी। महोत्सव के तहत 30 जुलाई को 56 भोग, 31 जुलाई को मोती महल व मोती के महल का मनोरथ की झांकी सजाई जाएगी। समापन 1 अगस्त को कमल तलाई में छतरी का मनोरथ झांकी से होगा।