Sunday, September 22, 2024

श्रमण संस्कृति बोर्ड के गठन के निर्णय पर सीकर जैन समाज ने जताई खुशी

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा व जनप्रतिनिधियों का सीकर के सर्किट हाउस में किया आभार व्यक्त

सीकर। राजस्थान सरकार द्वारा संपूर्ण जैन समाज द्वारा की जा रही “राजस्थान राज्य श्रमण संस्कृति बोर्ड का गठन” की मांग को मानते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा “जैन श्रमण संस्कृति बोर्ड” का गठन किए जाने पर जैन समाज में हर्ष व्याप्त है। सीकर जैन समाज ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री महोदय का धन्यवाद ज्ञापित किया ।समाज के अजीत जयपुरिया व शशि दीवान ने बताया प्रातः शहर विधायक राजेंद्र पारीक से समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर सरकार के इस निर्णय पर उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर समाज के हर वर्ग ने एक दूसरे को बधाई प्रेषित की एवं मिठाई खिलाकर खुशियां जताई। पवन छाबड़ा व समाजसेवी अनुभव जैन ने बताया कि पिछले कुछ वर्षो में अल्पसंख्यक जैन समाज के तीर्थो, संतो पर जिस प्रकार से हमले किए जा रहे हे। तीर्थो पर अतिक्रमण व कब्जे का प्रयास किया जा रहा हे उससे जैन समाज उद्वेलित है। सामाजिक संसद द्वारा जैन बोर्ड के गठन की मांग लंबे समय से की जा रही थी। दिगम्बर जैन विद्यालय सोसायटी के सचिव विनोद जयपुरिया ने बताया कि “श्रमण संस्कृति बोर्ड” के अंतर्गत जैन समुदाय अपनी मूलभूत समस्याओं व अपने सिद्धांतों की पुरजोर रक्षा- सुरक्षा कर सकेगा व सामाजिक, धार्मिक स्थलों, शैक्षिक एवं उनके अधिकारों की सुरक्षा संरक्षण प्रदान करने हेतु समुचित व्यवस्था होगी। धार्मिक स्थलों के समुचित विकास एवं सुरक्षा के व्यापक प्रबंध शासन द्वारा किये जायेंगे। प्रवक्ता विवेक पाटोदी ने बताया कि दोपहर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के सीकर आगमन पर सर्किट हाउस में जैन समाज के लोग एकत्रित हुए। उन्होंने इस निर्णय पर माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, सीकर विधायक राजेंद्र पारीक, फतेहपुर विधायक हाकम अली और नगर परिषद चेयरमैन को भी मिठाई खिलाकर व पुष्प गुच्छ भेंट कर आभार जताया। संपूर्ण जैन समाज के लिए ये हर्ष का विषय है। हम राजस्थान सरकार का इस निर्णय पर धन्यवाद प्रेषित करते है। अतिशय क्षेत्र रैवासा के अध्यक्ष महावीर प्रसाद ठोलिया ने भी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि श्रमण संस्कृति बोर्ड स्थापित करने वाला राजस्थान दूसरा राज्य है इससे पूर्व आंध्र प्रदेश में बोर्ड का गठन किया जा चुका है।

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