रावतसर। स्थानीय द साइंस एकेडमी द्वारा आयोजित विज्ञान उत्सव में दूसरे दिन भी लोगों का उत्साह भरपूर रहा। दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ पीलीबंगा की पूर्व विधायिका श्रीमती द्रोपती मेघवाल, ओम सिहाग संरक्षक द साइंस एकेडमी, राजेश गोदारा निदेशक केआर स्कूल संगरिया, रमेश शर्मा, रुघाराम प्रधानाचार्य, डॉ सुभाष सोनी, सुरेंद्र शर्मा, पंकज शर्मा के कर कमलों द्वारा सरस्वती वंदना के साथ किया गया। दूसरे दिन क्षेत्र के दूरदराज के हजारों की संख्या विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के साथ शहर व नजदीक के गाँवों के गणमान्य नागरिकों द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। द्वितीय दिवस पर साइबर सिक्योरिटी, वीआर वर्चुअल रियलिटी इफेक्ट ऑफ अल्कोहल कंज्यूम, फेक नोट डिटेक्सन रिश्वतखोरी की पकड़ करना, ज्वालामुखी प्रदर्शन एवं भौतिकी के नियमों पर आधारित मॉडल प्रदर्शित किए गए। कल रात्रि को टेलीस्कोप के द्वारा आकाश दर्शन विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों ने चंद्रमा आवृद्धित स्वरूप में देखकर रोमांच का अनुभव किया।
भारत सरकार के वैज्ञानिकों डॉ सुजीत तथा जीतपाल ज़ी द्वारा आयोजित वर्कशॉप में विद्यार्थियों की जिज्ञाशाओं को शांत कर विभिन्न नियमों को समझाया गया।
इस मौके पर पधारे पूर्व विधायक का पीलीबंगा श्रीमती द्रोपती मेघवाल ने विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए मॉडलो की भूरी भूरी प्रशंसा की तथा विद्यार्थियों को मेहनत एवं लगन के साथ अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया। बच्चों के साथ मॉडल का मार्गदर्शन एवं निर्माण का संपूर्ण जिम्मा अंकुश, अंकित, पवन, विकास , भंवर अमित , अश्विनी , बंटी , अनिल पिलानिया, उर्मिला मैम, समीना मैम, राजेंद्र कुमार वर्मा का अथक प्रयास एवं मेहनत का परिणाम हमारे सामने था। प्रबंधन का उत्तरदायित्व पंकज शर्मा ,बालमुकुंद सुरेश , डॉ डीपी बरोड़, मनीष , राजू बगड़िया, प्रह्लाद एवं जगदीश ने संभाला एनएसपी स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील नागपाल ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया। संस्था के एमडी सुरेंद्र शर्मा ने सभी को सधन्यवाद दिया। विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे कार्यक्रम नियमित लगाने का प्रयत्न करने को कहा तथा समापन पर सभी को एकेडमी परिवार द्वारा स्मृति चिन्ह सप्रेम भेंट किए गए। संरक्षक ओम सिहाग ने समापन की घोषणा की तथा आगामी सत्र में इससे भी बेहतरीन उत्सव के आयोजन का विश्वास दिलाया। मुख्य अतिथि भारत सरकार के वैज्ञानिकों डॉ सुजीत तथा जीतपाल को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।