सुनिल चपलोत/चैन्नाई। धर्म पर आस्था है,तो रास्ता भी मिलेगा। शुक्रवार साहूकार पेठ एस. एस. जैन भवन के मरूधर केसरी दरबार में विशाल धर्मसभा मे साध्वी धर्मप्रभा ने श्रध्दालूओ को सम्बोधित करतें हूए कहा कि धर्म पर श्रध्दां औंर विश्वास रखने वाला ही भवसागर को पार सकता है। धर्म के नाम पर सब मरने मारने के लिए है लेकिन धर्म के रास्ते पर चलने कर कोई भी तैयार नही है। धर्म हमारा प्राण है,धर्म पर श्रध्दां रखो शंका नही वरना मनुष्य संसार के माया जाल कि उलझनों मे फंस गया तो इस आत्मा को बाहर नही निकाल सकता है। जो मनुष्य धर्म पर शंका रखता है और दिखावटी प्रदशर्नो मे विश्वास रखकर जीवन जिने वाले व्यक्ति का अंत बहुत ही बुरा होता है। परमात्मा का हमारे सब पर बहुत बड़ा अहसास और उपकार है उसका ऋण तभी उतर पायेंगा जब हम धर्म पर श्रध्दां रखेगे और निस्वार्थ भावों से उसका सिमरन करने पर ही सम्यक ज्ञान प्राप्त कर सकते है। साध्वी स्नेहप्रभा ने उत्ताराध्ययन सूत्र का वांचन करतें हूए कहा कि धर्म सादगी मे आडम्बर मे नही है संसार मे धर्म करने वालो कि कमी नही है, परन्तु श्रध्दां रखने वालो कि बहुत कमी है। पैसो से धर्म को नही खरिदा जा सकता है। धर्म पर श्रध्दां और विश्वास रखने वाला ही धर्म कर सकता है। मनुष्य कि सोच धर्म स्थान पर जाने से नहीं बदल सकती है। लेकिन धर्म पर श्रध्दां रखे तो जीवन को बदल सकता है। वो तभी संभव हो सकता है,जब मनुष्य सम्यक ज्ञान दर्शन चारित्र और तप की आराधना श्रध्दां से जो व्यक्ति करता है वह आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिला सकता है। एस.एस.जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी ने जानकारी देतें हूए बताया कि साध्वी धर्मप्रभा साध्वी स्नेहप्रभा से श्री पार्श्व पद्मावती एवं सिध्दी तप के एकासन व्रत के एक सौ पैंतीस अधिक बहनों ने प्रत्याख्यान लिये इन सभी तपस्वियाओ के तप की श्री संघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया, सज्जनराज सुराणा, एम.पदमचन्द ललवानी, हस्तीमल खटोड़, सुरेश डूगरवाल, बादल कोठारी, रमेश दरणा, महावीर कोठारी, जितेन्द्र भंडारी, माणकचन्द खाबिया, शम्भूसिंह कावड़िया, मोतीलाल ओस्तवाल आदि सभी पदाधिकारियों और महिला मंडल की बहनों द्वारा धर्मसभा में अनूमोदना कि गई।