Sunday, November 24, 2024

जैनाआचार्य कामकुमार नंदीजी महाराज की हत्या के विरोध में दिया ज्ञापन

निर्मम हत्या के विरोध में फागी जैन समाज के सभी प्रतिष्ठान रहे बंद
संतो की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बने ठोस कानून

फागी। कस्बे में आर्यिका श्रुतमति माताजी, आर्यिका सुबोध मति माताजी के पावन सानिध्य में कर्नाटक में हुई मुनिराज की निर्मम हत्या के विरोध में पूरे उपखंड के जैन समाज ने भारी रोष व्यक्त किया और कार्यक्रम में फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा ने बताया कि कर्नाटक में जैन आचार्य श्री कामकुमार नंदीजी मुनि राज की निर्मम हत्या को लेकर स्थानीय जैन समाज सहित परिक्षेत्र के सारे समाज में रोष व्याप्त है। उक्त कार्यक्रम में चकवाडा, चौरू, नारेडा, मंडावरी, डालनिया, मेहंदवास, निमेड़ा, लदाना तथा गोहन्दी सहित पूरे जैन समाज के श्रावकों ने पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से हत्या के विरोध में हाथों पर काली पट्टी बांध कर विशाल मोन जुलूस निकाला और यह जुलूस पंचायत समिति के प्रांगण में पहुंचा जहां पर अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा, सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा, वरिष्ठ एडवोकेट विनोद जैन चकवाडा, फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, तथा चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष अनिल जैन कठमाणा की अगुवाई में उक्त निर्मम हत्या के विरोध में फागी उपखंड अधिकारी को भारत के प्रधानमंत्री, राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री, राजस्थान के राज्यपाल, कर्नाटक सरकार के मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष, के नाम ज्ञापन दिया गया, जैन महासभा के प्रतिनिधि राजा बाबू गोधा ने अवगत कराया कि उक्त ज्ञापन में बताया गया कि कर्नाटक में जैन मुनि कामकुमार नंदी जी मुनिराज की 5 जुलाई को निर्मम तरीके से हत्या कर हत्यारों ने मृत शरीर के टुकड़े -टुकड़े कर बोरवेल में डाल दिए जिससे संपूर्ण भारत में नही पूरे विश्व के जैन समाज में रोष व्याप्त है। हम आपके मार्फत भारत सरकार से अपील करते हुए यह मांग करते हैं कि सरकार द्वारा देश भर में जैन साधुओं की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कानून बनना चाहिए, सभी जैन संतो को एवं जैन उपाश्रय, जैन मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए, हर राज्य में जैन समाज की विभिन्न समस्याओं के निर्धारण के लिए, तथा समाज के उत्थान एवं विकास के लिए जैन विकास आयोग का गठन किया जाए। देशभर में जैन संतों के पैदल बिहार के समय सरकार की तरफ से सुरक्षा उपलब्ध होनी चाहिए, जैन समाज सहित सर्व समाज के जो संत आजीवन पैदल विहार करते हैं उनके रात्रि विश्राम हेतु हर 20 किलोमीटर पर सामुदायिक आश्रय स्थल बनाए जाने चाहिए, प्रत्येक राज्य में जैन श्रमण संस्कृति आयोग का गठन होना चाहिए, तथा जैन तीर्थो, मंदिरों एवं धर्मशालाओं के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय जैन कल्याण आयोग का गठन किया जाना चाहिए मुनिराज की हत्या की जबसे घटना घटी है जैन समाज के हर घर में दुःख का माहौल बना हुआ है उक्त निर्मम हत्या का मुकदमा फास्ट ट्रैक में चलाया जाए जिससे जल्दी ही दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। सरकार को अहिंसक, अल्पसंख्यक जैन समुदाय के साधु संतो के साथ इस तरह की घटना की पुनरावृति ना हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।

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