सुनिल चपलोत/भीलवाड़ा। संत समाज और देश की धरोहर है। बुधवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर में प्रखर वक्ता साध्वी प्रितीसुधा ने कर्नाटक में दिगम्बर आचार्य नंदी महाराज के जघन्य हत्या कांड पर रोष प्रकृट करते हुए कहा कि संत कि पंथ और समुदाय का नही होता वह सबका हित चाहता है। धर्म तभी सुरक्षित रह सकता है जब हमारे संत सुरक्षित होगे। वरना संतो की सुरक्षा करना समाज और सरकार कर्तव्य भी बनता है अगर संतो कि सुरक्षा नही कर सकते है तो देश की सुरक्षा कैसे होगी। धर्म को बचाना है तो संतो की सुरक्षा करना भी सरकार का धर्म है। बिना संतो के मनुष्य को धर्म का मार्ग नही मिलने वाला है। इसदौरान अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, अशोक पोखरना, हेमन्त आंचलिया, सुशील चपलोत, रिखबचंद पीपाड़ा, संदीप छाजेड़, अमर सिंह संचेती, अमर बाबेल आदि पदाधिकारीयो और चंदनबाला महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल, मंजू बाफना, उमा आंचलिया, अंजना सिसोदिया और पूर्वसभापति मंजू पोखरना आदि सभी ने दिगम्बर आचार्य नंदी जी महाराज की हत्या पर निंदा करते हुए हत्यारे को गिरफ्तार करके कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने का सरकार को पत्र भेजा और देश बंद का आहना किया।