Sunday, November 24, 2024

रिश्तों को कायम रखने हेतु प्रेम की आवश्यकता: गुरू मां विज्ञाश्री माताजी

टोंक। सहस्रकूट विज्ञातीर्थ प्रणेत्री गणिनी आर्यिका 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ का 29वां साधनामय चातुर्मास 2023 श्री दिगंबर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ के गुन्सी जिला टोंक राजस्थान में चल रहा है। आज गुरु माँ के दर्शनाथ गुरु भक्त श्रावक श्रेष्ठी प्रेमचंद जी बड़जात्या जयपुर से पधारे। गुरु मां की आहारचर्या एवं वात्सल्य पूर्ण आशीर्वाद पाकर अपने आपको धन्य किया। गुरु मां के ससंघ पावन सान्निध्य में शांतिनाथ विधान का आयोजन रचाया गया। दूर-दूर से पधारे हुए दर्शनार्थियों ने धर्मलाभ लेकर पुण्यार्जन किया। आज की शांतिधारा करने का सौभाग्य इंदु जी सेवा वाले जयपुर, सुरेश जी कासलीवाल कोटा, कमलादेवी चनानी वाले जयपुर एवं राजकुमार किशनगढ़ वालों ने प्राप्त किया। माताजी ने धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधन देते हुए कहा कि एक मच्छर मच्छर को नहीं काटता लेकिन इंसान इंसान को काट रहा है। आज पशु की पशुता कायम है लेकिन मानव की मानवता खत्म होती जा रही है। आज घरों में दीवालें तो बड़ी-बन गई लेकिन मानव के दिल छोटे हो गए इसलिए प्रत्येक घरों में लड़ाई-झगड़े चल रहे हैं। भाई-भाई, पिता-पुत्र, सास-बहू आदि घर में प्रेम से नहीं रह पा रहे हैं। जिस प्रकार बिना धागे से चलती मशीन कपड़ा नहीं सिल सकती उसी प्रकार जीवन में प्रेम रूपी धागे के बिना रिश्ते नहीं चल सकते। अतः अपने जीवन में सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार करें। आपस में एकता बनाये रखें। इसी से देश राष्ट्र, परिवार व धर्म का उत्थान होगा।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article