फूल व कली का बंगला की झांकी सजाई गई
जयपुर। अधिक मास के अवसर पर श्री वल्लभ पुष्टिमार्गीय मंदिर प्रबंध समिति व श्री पुष्टिमार्गोय वैष्णव मंडल,जयपुर के बैन तले मोहनबाड़ी स्थित श्री गोवर्धननाथ जी मंदिर में श्री गोवर्धन नाथ जी प्रभु व मथुराधीष स्वामी प्रभु के मनोरथों के दर्षन व 56 भोग महामहोत्सव के तहत बुधवार को आनंदबाड़ी से श्रीगोवर्धननाथ मंदिर तक पोथीयात्रा निकाली गई। जयकारों के साथ निकली इस पोथीयात्रा में काफी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। संयोजक नटवर गोपाल मालपानी ने बताया कि आज सुबह बैडबाजों के साथ निकली इस पोथीयात्रा में श्रद्धालु सिर पर पोथी लेकर चल रहे चले रहे थे, वहीं बैंडवादकों की मधुर स्वर लहरियों पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाच रहे थे। मोहनवाड़ी स्थित आनंदवाड़ी से यह पोथीयात्रा शुरू हुई जो विभिन्न मार्गों से होती हुई कार्यक्रम स्थल श्रीगोवर्धन नाथ मंदिर पहुंची, जहां पर वाणारसी, मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, सिरोंजी, जयपुर, बड़ौदा, जयपुर व सूरत से आए 131 विद्धानों ने श्रीमद भागवत के मूलपाठ किए। इसीदिन दोपहर में बड़ोदरा निवासी श्रीगिरिराज शास्त्री ने व्यास पाठ से कहा कि भागवत कथा सुखों की जननी है, जिसके श्रवण मात्र से जीवन में वास्तविक सुख का अनुभव होता है। भागवत कथा की प्रत्येक पंक्तियां श्रवण करने से जीवन में वास्तविक सुख का अनुभव होता है। उन्होंने आगे कहा कि जिस घर में श्रीमद भागवत के नियमित पाठ होते हैं, वह घर स्वर्ग के सामान माना जाता है। इसी दिन शाम को फूल व कली की मनोरम झांकी सजाई गई, जो सभी के बीच आकर्षण का केन्द्र रही। कार्यक्रम संयोजक नटवर गोपाल मालपानी व कोषाध्यक्ष गोरधनदास भगत ने बताया कि महोत्सव के तहत नौका विहार जल केली की मनोरथ की रोचक झांकी सजाई जाएगी। 28 जुलाई तक रोजाना सुबह 6 से 1 बजे तक सस्वर मूलपाठ व कथा रोजाना दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक होगी। महोत्सव के तहत 30 जुलाई को 56 भोग, 31 जुलाई को मोती महल व मोती के महल का मनोरथ की झांकी सजाई जाएगी। समापन 1 अगस्त को कमल तलाई में छतरी का मनोरथ झांकी से होगा।