Sunday, September 22, 2024

आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज के सानिध्य में सल्लेखना पूर्वक समाधि मरण उपरांत आर्यिका 105 श्री सुभगमति माताजी की निकाली गई डोला यात्रा

उदयपुर। अनेक साधुओं की जन्म भूमि, दीक्षा भूमि, समाधि भूमि उदयपुर में आर्यिका 105 श्री सुभगमति माताजी का 19 जुलाई को समता पूर्वक सल्लेखना के साथ समाधि मरण हुआ। विमान यात्रा डोला प्रातः निकाला गया। पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिघि आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर महाराज से दीक्षित शिष्या 80 वर्षीय आर्यिका 105 श्री सुभगमति माताजी का दिनांक 19 जुलाई 2023 को प्रातः 4.17बजे उदयपुर के सन्मति भवन राजस्थान मे समाधिमरण हुआ। शांतिलाल वेलावत, पारस चितौड़ा, सुरेश पद्मावत, देवेंद्र छाबिया ने बताया कि आज प्रातः क्षपकोत्तमा समाधिस्थ आर्यिका 105श्री सुभगमति माताजी की डोला विमान यात्रा वात्सल्य वारिघि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के संघ सानिध्य में निकाली गई। आर्यिका माताजी श्री के डोले के आगे कमंडल लेकर भूमि शुद्धि एवम माताजी के डोले को कंधे लगाने का सौभाग्य पुण्यार्जक परिवार को प्राप्त हुआ। समाधिस्थल परिसर में मंत्रोचार से शुद्धि की गई। आर्यिका श्री की पूजन शांतिधारा और पंचामृत अभिषेक गृहस्थ अवस्था के पुत्र द्वारा किया गया। राजेश पंचोलिया इंदौर ने बताया कि जोबनेर राजस्थान की 80 वर्षीय श्रीमती घीसीदेवी चंद्रकांत ठोलिया ने महावीर जी में 4 अगस्त 2022 को क्षुल्लिका दीक्षा वात्सल्य वारिघि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के सिद्ध हस्त कर कमलों से हुई नाम क्षुल्लिका 105 श्री शांतमति माताजी किया गया। 15 मई 2023 को उदयपुर में इनकी आर्यिका दीक्षा हुई। इन्हे आर्यिका 105श्री सुभगमति नाम से सुशोभित किया गया। 14 जुलाई 2023 को आचार्य श्री एवम् संघ के सभी साधुओं से क्षमा याचना कर चारो प्रकार के अन्न जल आदि का आजीवन त्याग किया। प्रतिदिन तन्मयता एकाग्रता पूर्वक गुरुजनों का सम्बोधन सुनना श्री जी के अभिषेक देखती थी। क्षपकोत्तमा माताजी जी को प्रतिदिन आचार्य श्री वर्धमान सागर जी सहित संघ के साधु संबोधन करते रहे। यम सल्लेखना के 6 उपवास सहित शांत परिणामो से निराकुलता सहित दिनांक 19 जुलाई 2023 को प्रातः 4.17 बजे उत्कृष्ट समाधिमरण निर्यापकाचार्य आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज संघ सानिध्य में आचार्य श्री के श्री मुख से अरिहंत सिद्ध सुनते हुए हुआ। क्षपक आर्यिका श्री की विमान डोल यात्रा सन्त सन्मति भवन से रवाना होकर सेक्टर 11 पहुची डोल यात्रा मे नगर उदयपुर सहित हजारों गुरुभक्तों ने भाग लिया। समाधिस्थल पर पूर्ण विधि विधान से विमान यात्रा पूर्व नियत स्थल पर ले गए जहाँ पर पूर्ण विधि विधान से समाधिस्थ आर्यिका माताजी का पूजन पंचामृत अभिषेक किए गए। अग्नि संस्कार का सौभाग्य पूर्व गृहस्थ अवस्था के परिजनों द्वारा किये गए। इनके गृहस्थ अवस्था के पुत्र एवम् पुत्र वधू ने भी आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से 29 अप्रैल वर्ष 2015 में दीक्षा लेकर आर्यिका 105 श्री विचक्षणमति माताजी एवम क्षुल्लक श्री 105 विशाल सागर जी महाराज वर्तमान में संघ में है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article