श्री भक्तामर स्तोत्र 48 दिवसीय प्रवचन श्रृंखला व संगीतमय दीप महार्चना का शुभारंभ हुआ
अनिल पाटनी/अजमेर। श्री दिगम्बर जैन मुनि सघ सेवा समिति के तत्वावधान मे आचार्य विवेक सागर जी महाराज ससंघ पावन वर्षायोग के कार्यक्रम की श्रृंखला में श्री भक्तामर स्तोत्र 48 दिवसीय प्रवचन श्रृंखला व प्रशिक्षण शिविर एवं संगीतमय दीप महार्चना का आयोजन रविवार 16 जुलाईसे प्रारंभ हो रहा है। आचार्य श्री विवेक सागर जी महाराज ने श्री भक्तामर स्तोत्र की महिमा का वर्णन करते हुए बताया की स्तोत्र की महिमा अपूर्व है, महाप्रभावक है,जो पुरुष श्रद्धा पूर्वक नित्य- नियमित इस महान् स्तोत्र का पाठ करता है उसके हृदय रूपी कमल की पांखुड़ियां प्रस्फुटित होने लगती हैं, उसमें दिव्य- प्रकाश की किरणें फूटने लगती है और उस आराधक के आध्यात्मिक विकास के पथ को प्रशस्त करने लगती हैं। संसारिक विपदाएं, पारिवारिक कलह व व्यापार वृद्धि जैसे संकट क्षण भर मे नाश हो जाते है एवं आत्म शांति, सुख- सम्पन्नता व स्वस्थता जीवन मे प्रवेश करती है। पदम चन्द सोगानी ने बताया पुण्यार्जक परिवारों द्वारा प्रति दिन प्रातःकाल 8.15 बजे रजतमयी मंगल कलश की स्थापना व मांगलिक क्रियाएँ सम्पन्न की जायेगी तत्पश्चात आचार्य श्री विवेकसागर जी महाराज के मुखारविंद से प्रत्येक दिवस एक- एक श्लोक का शुद्ध उच्चारण, अर्थ एवं श्लोक का महात्म्य पर व्याख्यान होगा सायंकाल 8.00 बजे से साधर्मी बंधु 48 रजतमयी दीपको से संगीतमय श्री भक्तामर स्तोत्र के पाठ के साथ दीप समर्पित कर महाआराधना व महाआरती करेगे सम्पूर्ण आयोजन पंचायत छोटा धड़ा नसियां अजमेर में आयोजित होगा। सोगानी ने बताया श्री भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान में प्रथम दिन रजतमयी मुख्य कलश की स्थापना आशा देवी गदिया मातुश्री आशीष, अभिषेक गदिया परिवार करेंगे। समिति अध्यक्ष सुशील बाकलीवाल ने बताया वर्षायोग के इस पुण्यवर्धक आयोजन को लेकर श्रावकों में उत्साह उमंग व भक्ति का संचार हो रहा है एवं श्रावक- श्राविकाएं संकल्पपूर्वक 48 दिवस अनुष्ठान मे सम्मिलित होकर पुण्य संचय करेगे।