Monday, November 25, 2024

त्रि -दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन पाठशाला के छात्रों ने परिवार सहित किए अभिषेक, शांतिधारा और पूजन

लघुता से ही प्रभुता प्राप्त होती है: विशेष मति

जयपुर। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मंदिर के त्रि- दिवसीय स्थापना महोत्सव के दूसरे दिन पारिवारिक पूजन के कार्यक्रम में पाठशाला के विद्यार्थियों ने परिवार के साथ अभिषेक शांतिधारा मण्डल विधान पूजन में उत्साह व भक्ति के साथ भाग लिया। प्रबंध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि आर्यिका विशेष मति माताजी के सानिध्य में एक साथ चार पाण्डुशीला पर हुई शांतिधारा में से विधान मण्डल पर हुई शान्तिधारा सुनील सेठी व छात्र आदित बिलाला ने तथा वेदी पर हुई शान्तिधारा राकेश जैन व छात्र नीरैक शाह के साथ अनेक श्रावकों द्वारा की गई। मूल नायक श्री 1008 नेमि नाथ के मण्डल विधान पर साज बाज के साथ श्रावक श्रेष्ठियों ने श्रीफल के साथ अष्ट द्रव्य लेकर बारी बारी से भक्ति करते हुए अर्घ्य चढ़ाये। संगीत मय विधान पूजन शिखर चंद किरण जैन ने करायी तथा आर्यिका जी ने आवश्यकता अनुसार विवेचन किया। आर्यिका माताजी ने अपने प्रवचन में कहा की मन्दिर जी में ख़ाली हाथ आने से जीवन भी ख़ाली ही रहता है। सेवक बनकर आने वाला ही पुण्यशाली जीव है भिखारी बन कर आने वाला ख़ाली ही रहता है। लघुता से मनुष्य प्रभुता को प्राप्त होता है जबकि प्रभुता प्रभु से दूर कर देती है। माताजी ने देव व गुरु उपासना भी समझायी। विधान समापन पर नेमिनाथ की आरती की गई। शाम को साज बाज के साथ भक्तामर दीप अर्चना हुई। सोमवार को महोत्सव के समापन दिवस पर शोभा यात्रा ध्वजा रोहण के साथ नेमि प्रभु की पूजन आदि के कार्यक्रम होंगे।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article