Saturday, September 21, 2024

अहिंसा शाकाहार एवं भगवान महावीर के सिद्धांतों का करेंगे प्रचार प्रसार

बुन्देलखण्ड धार्मिक यात्रा के पोस्टर का विमोचन आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य हुआ
8 दिवसीय बुन्देलखण्ड धार्मिक यात्रा दल की रवानगी रविवार को भट्टारक जी की नसियां से होगी

जयपुर। तीर्थ क्षेत्रों की यात्रा करना पुण्य कार्य है। तीर्थ यात्रा में भाग्यवान भगवान की शरण में जाता है। श्रावक को साल में एक बार सिद्ध क्षेत्र, अतिशय क्षेत्र की यात्रा अवश्य करनी चाहिये। देव गुरु के श्रवण कर उस पर जो श्रदान करते हैं वे सच्चे श्रावक कहलाते हैं। धर्म के लिए सफर यात्रा है सांसारिक भ्रमण सफर है। ये उदगार आचार्य सौरभ सागर महाराज ने प्रतापनगर के सैक्टर 8 स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित धर्म सभा के दौरान पोस्टर विमोचन समारोह में व्यक्त किए। इस मौके पर श्री दिगम्बर जैन पद यात्रा संघ जयपुर के तत्वावधान में रविवार ,16 जुलाई से रविवार, 23 जुलाई तक आयोजित 8 दिवसीय बुन्देलखण्ड धार्मिक यात्रा के बहु रंगीय पोस्टर का विमोचन आचार्य श्री के सानिध्य में किया गया। इस मौके पर पद यात्रा संघ के संरक्षक सुभाष चन्द जैन, यात्रा के मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल, संयोजक सुरेश ठोलिया, विनोद जैन कोटखावदा,पवन जैन सहित संघ के कार्यकारिणी सदस्य एवं मंदिर कमेटी अध्यक्ष कमलेश जैन, मंत्री महेन्द्र जैन पचाला वाले, मुख्य समन्वयक गजेन्द्र बड़जात्या, दुर्गा लाल नेता, सुनील साखूनिया आदि उपस्थित थे। यात्रा संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने पद यात्रा संघ की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। संचालन जिनेन्द्र जैन जीतू ने किया। इससे पूर्व मंगलाचरण के बाद पद यात्रा संघ के पदाधिकारियों ने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
संघ के संरक्षक सुभाष चन्द जैन एवं मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल ने बताया कि 200 सदस्यीय धार्मिक यात्रा दल जयपुर से रविवार ,16 जुलाई को प्रातः भट्टारक जी की नसियां से वातानुकूलित बसों द्वारा रवाना होगा। यात्रा दल भुसावर, ज्ञान तीर्थ मुरैना, सिद्ध क्षेत्र श्री सोनागिर जी, करगुंवा जी, पावागिरिजी, पपौरा,अहार जी, द्रोणगिरी, नैनागिरी, कुण्डलपुर, ललितपुर, देवगढ़, चन्देरी, गोलाकोट, चांदखेड़ी, बिजोलिया,जहाजपुर स्वस्तिधाम होता हुआ रविवार,23 जुलाई को रात्रि में वापस जयपुर लौटेगा। संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि यात्रा के दौरान अभिषेक, शांतिधारा, सामूहिक पूजा अर्चना,पर्वत वन्दना,साधु संतों के दर्शन लाभ एवं प्रवचन लाभ के साथ भगवान महावीर के सिद्धांतों, अहिंसा शाकाहार का प्रचार प्रसार किया जाएगा।

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