सुनिल चपलोत/भीलवाड़ा (शास्त्री नगर)। पाप पुण्य करना इंसान के हांथ मे हैं। प्रखर वक्ता साध्वी प्रितीसुधा ने बुधवार को अहिंसा भवन के मरूधर केसरी दरबार मे श्रोताओं को धर्मसंदेश देतें हुए कहा कि केवल इच्छा मात्र से मनुष्य जीवन मेंपुण्य नहीं कर सकता। पुण्य करने के लिए मनुष्य को परिश्रम और शुद्ध भावना रखकर पुण्य करें। मनुष्य सदैव पाप करके भूल जाता है,कि इसका परिणाम उसको भुगतना पड़ेगा। इंसान सदैव अपने से कमजोर व्यक्तिओं का अहित करता है, जबकि वह अपने कर्म बांध रहा है। आज मनुष्य धर्म से विमुख होकर अधर्म के मार्ग पर चलकर पाप पर पाप करता जा रहा है। मनुष्य के पाप और पुण्य ही उसके जीवन को संचालित करते हैं। धर्म कौई सा भी हो, परन्तु मनुष्य के पाप और पुण्य का लेखा जोखा रहता है। इंसान अच्छे कर्म,धर्म और पुण्य करेगा तो वह अपनी आत्मा को परलोक मे सुख दिला सकता है। साध्वी संयम सुधा ने धर्मसभा मे भजन के माध्यम से कहा कि इंसान पाप किये जाता है। और धर्म ध्यान पुण्य करने से जीवन में घबराता है। इसदौरान धर्मसभा मे संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, हेमन्त आंचलिया, अशोक पोखरना, सुशील चपलोत, संदीप छाजेड़, अमरसिंह संचेती, शांतिलाल कांकरिया एवं चंदनबाला महिला मंडल की नीता बाबेल, रजनी सिंघवी, उमा आंचलिया मंजू बापना, पूर्वसभापति मंजू पोखरना आदि पदाधिकारियों और सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की धर्मसभा के दौरान उपस्थित रही। संघ महामंत्री रिखबचन्द पीपाड़ा ने बताया कि दिनांक 13 जुलाई गुरूवार को साध्वी मंडल के सानिध्य में प्रवचन के समय पंचरंगी का कार्यक्रम रखा गया है, जिसमे सभी भाई -बहन पांच- पाच सामायिक के साथ स्वाध्याय और महामंत्र नवकार का सामूहिक जाप मे भाग लेगे।