आगरा। पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री 108 सुधासागर महाराज एम डी जैन हरी पर्वत पर अपने मंगल प्रवचन में कहा कि अच्छे कार्य करने से अतीत समाप्त हो जाता है इतिहास को जब हम पढ़ते हैं तो सब काला है। और स्वयंम ग्लानि होती है वोइतिहास निकृष्ट होता है। भगवान महावीर स्वामी के जीव के विषय में बताया कि उन्होंने इतने किए थे इतने दोष थे कि हमे वो नजर ही नहीं आते हैं।क्योंकि उन्होने भगवान स्वरूप प्राप्त किया हैं। भगवान महावीर ने इतने उपकार हम पर कर दिये उनके पुराने इतिहास सब समाप्त हो गये। पूज्य महाराज श्री ने मार्मिक शब्दों में कहा कि गर्भस्थ शिशु बेटा जब माँ के पेट में आता है तो वो पुरा कैमरे के जैसे ध्यान रखता है क्या भोजन मां कर रही है क्या देख रही है क्या सोच रही हैं वो सब गृभस्थ शिशु देख रहा है महसुस कर रहा है यदि मां बनने के बाद माता पिता कोई गलती करते हैं तो उसकी बड़ी सजा बच्चे को मिलती है। यदि ऐसी गलती करते हो तो भव भव में माता पिता बनने के लिए तरसोगे, यदि मां ने गलत खाया,बेटा भी वह कार्य करेगा देखा तो एक न एक दिन वो भी वह कार्य करेगा। आज की युवा पीढ़ी को सीख देते हुए कहा कि यदि किसी बेटे ने ऐसा कार्य किया जिससे माता पिता को दुख भोगना पड़ा तो उसके माता पिता को जो दुख होगा तो बद्दुआ देंगे। मा बाप का मस्तक झुक जाये, शर्मिंदा हो जाए, मां बाप के अंदर ये भाव आ जाये कि ऐसा बेटा होने के बजाए तो निपुता रह जाता है तो अच्छा रहता तो ऐसे के बच्चों अनाथ होगें और त्रियंच योनी में जाएंगे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी