सारे तीरथ एक तरफ मां बाप की सेवा एक तरफ: महासाध्वी धर्मप्रभा
चैन्नई। सारे तीरथ एक तरफ मां बाप की सेवा एक तरफ। रविवार को साहूकार पेठ जैन भवन में दक्षिण धर्म प्रचारिका महासाध्वी धर्मप्रभा ने हजारों श्रध्दालुओं से धर्मसंदेश प्रदान करतें हुए कहा कि इंसान चारों धाम की यात्रा करलें लेकिन मात – पिता की सेवा नहीं कर सकता हैं।तो उसकी तिरथ यात्रा अधूरी हैं। मां बाप की सेवा करना भगवान की पूजा अर्चना करने समान हैं।औंर हमारा धर्म भी हैं।उनकों सताने और दुखः देनें वालो को परमात्मा भी माफ नही करते हैं। पुत्र हो तो श्रवण कुमार जैसा आज्ञाकारी,सेवा भावी और विनयवान जिसने जन्म देने वाले माता पिता को साक्षात भगवान की तरह देखा उनकी सेवा ही श्रवण कुमार के जीवन का ध्येय था। वर्तमान समय में हम क्या देखते है कि घर परिवार और समाज में नई पीढ़ी में बुर्जुगों का तिरस्कार मात पिता गुरूजनों की अलवेलना उनकी सेवा से मूह मोड़ना बड़ो से दूरीया बनाये रखना उन्हे मानसिक तनाव देना आदि विकृतियां पनप रही हैं। यही स्थितिया समाज और परिवार के लिए बड़ी भय्याव एवं घातक सिध्द हो रही हैं । परिणाम स्वरूप युवा पीढ़ी में संस्कारों अनुभव बड़पन की कमी होती जा रही है विकृति मानसिकता और दुरव्सनो के कारण आज का युवा जीवन की जंग मे जल्दी हार जाता हैं ।ऐसा युवा जीवन में कभी भी आर्दश बेठा भाई पिता पति नही बन सकता हैं। संघ समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त नही कर सकता हैं। इस दौरान तपस्वी बहन नीतू दुग्गड़ ने आठ उपवास साध्वी धर्मप्रभा साध्वी स्नेहप्रभा से सभा मे प्रत्याख्यान लिये ।इसदौरान साहूकार पेठ एस. एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, मुख्य मार्गदर्शक मोहनलाल गढ़वानी कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया,सुरेश डूगरवाल हस्तीमल खटोड़,पदमचंद ललवानी, महावीर चन्द कोठारी, बादलचन्द कोठारी, जितेंद्र भंडारी,एन राकेश कोठारी, माणक चन्द खाब्या,मोतीलाल ओस्तवाल, शांति लाल दरणा अशोक कांकरिया,भरत नाहर आदि पदाधिकारियों और महिला मंडल की बहनो ने तप की अनूमोदना करते हुये अभिनन्दन किया गया। प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने बताया कि धर्म सभा मे विल्लीवाकम नेहरू बाजर, स्नेह नगर पुरूषावाकम,चिंताधारी पेठ,चगलपेठ आदि अनेकों उपनगरों के श्रध्दालुओं की उपस्थिति रही।