सुनिल चपलोत/भीलवाड़ा। मन और इन्द्रियों पर कन्ट्रोल करने वाला जगत मे महान बन सकता हैं प्रखर वक्ता साध्वी प्रितीसुधा ने अहिंसा भवन मे प्रवचन के दौरान श्रावक श्राविकाओ को धर्मसंदेश देतें हुए इंसान की मन की इच्छाओं का कौई अंत नही जितनी पुरा करो उतनी बढ़ती जाती है। मन को वश मे करना आसन नहीं है। वही व्यक्ति काबू कर सकता हैं। जो परमात्मा की साधना और आराधना में संलग्न होकर प्रभु की भक्ति करेगा। तभी मन को वश मे कर सकता हैं। मन की गति अन्नत है। लेकिन साधना वो मार्ग है जिससे मन पर विजय पाई जा सकती है। महासती उमराव कंवर, साध्वी मधुसुधा साध्वी संयम सुधा आदि सभी ने कहा कि इंसान मे वो शक्ति हैं। जो भगवान मे नही,अगर मनुष्य मन को काबू में करले तो संसार को जीत सकता हैं। वो तभी होगा जब वह मन को वश मे करके राग द्वेष,मोह,माया का परित्याग करेगा। अहिंसा भवन मुख्य मार्गदर्शक अशोक पोखरना ने बताया कि धर्मसभा मे अनेक श्रावक श्राविकाओ ने धर उपवास आयंबिल एकासन व्रत आदि के साध्वी प्रितीसुधा से प्रत्याख्यान लिए तथा जौधपुर पाली मावली चितौड़गढ़ आदि क्षैत्रो से पधारे अतिथियों का अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, हेमन्त आंचिया महामंत्री रिखबचंद पीपाड़ा एवं.चंदनबाला महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल मंत्री रजनी सिंघवी ने अतिथियों का शाल माला पहनाकर स्वागत किया गया।