Sunday, November 24, 2024

कर्म किसी को नहीं छोड़ते है राजा हो या रंक भोगने ही पड़ेंगे: साध्वी धर्मप्रभा

सुनिल चपलोत/चैन्नई। कर्म किसी को भी नहीं छोड़ते, राजा हो या रंक भोगने ही पड़ते हैं। शुक्रवार को जैन भवन साहूकार पेठ में महासती धर्मप्रभा ने श्रध्दालुओं को धर्मसंदेश देतें हुए कहा कि जीवन में जितने भी सुख- दुख आते हैं ।वह कर्मो के द्वारा ही आते हैं। इंसान जैसे कर्म करेगा वैसा ही फल पायेगा। कर्म कभी निरर्थक नही जाते हैं। अशुम कर्मो के उदय के कारण संसार में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम, भगवान महावीर, राजा हरीशचंद्र आदि ने अपने जीवन में अनेकों कष्टों और वेंदनाओ को भोगा हैं, तो समान्य इंसान कि क्या औकात है, जो कर्म फल से बच पाएगा। भोगे बिना यह कर्म उसका पीछा नहीं छोड़ने वाले हैं । पाप करते समय मनुष्य यह सोचना है कि मुझे कौई नही देख रहा हैं।परन्तु लाख जतन उन पापो के फल को भोगना ही पड़ेगा ।कर्म जब उदय में आते है तो अच्छे अच्छो और बड़े बड़ो को भी नाच नचा देतें हैं। सुख – दुख मनुष्य को कर्मो के आधार पर ही प्राप्त होते हैं उसे भोगने पड़तें हैं। बिना भोगे इस संसार से छुटकारा नहीं मिलने वाला हैं। साध्वी स्नेहप्रभा ने धर्मसभा के प्रारंभ में उत्तराध्ययन सूत्र का वांचन करतें हुए कहा कि दुनिया स्वार्थ कि हैं यहाँ कोई किसी नही हैं। रिश्ते नाते सब नाम के हैं। व्यक्ति खाली हाथ आया था और खाली हाथ ही इस संसार से जाने वाला हैं । फिर भी वह पाप करने से नहीं डरता हैं। मनुष्य के दुखः का मूल कारण हैं तो उसके कर्म हैं। जैसा वह करेगा परिणाम भी वैसा पाएगा । सम्पूर्ण कर्मो का क्षय होने पर ही आत्मा मुक्ति प्राप्त होगी। एस. एस. जैन संघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया की धर्म सभा में पांच और सात उपवास के साथ अनैको भाई-बहनों ने उपवास, आयंबिल, सिध्दी तप की साधना करने वाले एवं श्री पार्श्व पद्मावती साधना करने तपस्वी भाई बहनों ने साध्वी धर्मप्रभा से प्रत्याख्यान लिए। और धर्मसभा चैन्नई के उप नगरों से पधारे अतिथियों का साहूकार पेठ संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, प्रेमराज खारीवाल, जितेंद्र भंडारी, अशोक कांकरिया, हस्तीमल खटोड़, महावीर कोठारी, देवराज लुणावत, शांतिलाल दरड़ा, सुरेश डूगरवाल, सुभाष काकलिया आदि सभी ने अतिथीयो स्वागत अभिनन्दन किया।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article