अयोध्या। चारित्र चक्रवर्ती प्रथमाचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज की परम्परा के प्रथम पट्टाचार्य श्री वीर सागर जी महाराज का 147 वाॅ अवतरण दिवस आषाढ शुक्ला पूर्णिमा 3 जुलाई को विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों के साथ अयोध्या में परम पूज्य आर्यिका शिरोमणी, गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ससंघ सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन ने अवगत कराया कि इस अवसर पर आचार्य श्री की प्रतिमा जी का अभिषेक किया, तत्पश्चात परमपूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी ने आचार्य श्री की सामूहिक पूजा कराई, पूजा में युवा परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ जीवन प्रकाश जैन, राष्ट्रीय मुख्य संयोजक विजय कुमार जैन हस्तिनापुर, राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन जयपुर, राजस्थान प्रदेश अथ्यक्ष दिलीप जैन जयपुर, भरत स्थली दिल्ली के कोषाध्यक्ष विनोद जैन दिल्ली, जैन पत्रकार महासंघ के संरक्षक सदस्य हसमुख गांधी इन्दौर, ऋषभांचल मांगीतुंगी के ट्रस्टी प्रमोद कासलीवाल महाराष्ट्र आदि विभिन्न प्रान्तों से उपस्थित श्रेष्ठी शामिल हुए। ज्ञात होवे कि आचार्य श्री वीरसागर जी महाराज से सन् 1956 में माधोराजपुरा, ज़िला जयपुर राजस्थान में पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी ने आर्यिका दीक्षा प्राप्त करके “ज्ञानमती माताजी” नाम प्राप्त किया था। अतः पूज्य माता जी ने आचार्यश्री के जन्मदिवस पर गुरुपूर्णिमा मनाते हुए उनके व्यक्तित्व का गुणानुवाद किया। इस अवसर पर पूज्य पीठाधीश श्री रवीन्द्र कीर्ति स्वामी जी ने जैन संस्कृति से संबंधित अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों के बारे में प्रकाश डाला। इस अवसर पर परम पूज्य गणिनी ज्ञानमती माताजी के पाद् प्रक्षालन अशोक चांदवाड जयपुर परिवार एवं जीतेन्द्र जैन खंडवा परिवार द्वारा किया गया तत्पश्चात उपस्थित श्रेष्ठियों ने पाद् प्रक्षालन किया। डॉक्टर जीवन प्रकाश जैन जम्बूद्वीप ने उपस्थित श्रेष्ठियों का अभिनन्दन किया। अयोध्या जैन मंदिर विकास समिति के महामंत्री अमरचंद जैन टिकैतनगर ने आभार व्यक्त किया।