दान से श्रावक की शोभा बढ़ाती हैं: मुनि श्री निरापद सागर जी
श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में चौंसठ रि्द्धि के अर्घ समर्पित किए
अशोक नगर। श्री शांतिनाथ त्रिकाल चौबीस जिनालय स्थिति विद्वान तीर्थंकर भगवान को नवीन का निर्माण कर याग मंडल विधान आचार्य श्री विद्यासागर महा मुनिराज एवं निर्याप श्रमण मुनिपुंगव श्रीसुधासागर महाराज के आशीर्वाद से मुनि श्री 108 निरापद सागर मुनिराज के सानिध्य व नमन भैया के निर्देशन में गुरुवार को दोपहर 1:00 बजे से वेदी शुद्धि मंडल शुद्धि के साथ, याग मंडल विधान कर भक्तों ने भगवान को उच्चासन पर विराजमान किया इस दौरान जैन समाज के अध्यक्ष राकेश कासंल, महामंत्री राकेश अमरोद, थूवोनजी अध्यक्ष अशोक टींगू मिल, मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा, संयोजक श्रेयांस घेला, मनीष सिघई, मनोज रन्नौद, ट्रस्टी अविनाश धुर्रा, मुकेश हार्डी, नवीन सर मन्टू धाया, धनकुमार वल्ला, चन्दू वासल सहित अन्य भक्तों ने श्री फल भेंट किए।
नवीन वेदी पर आज प्रभु विराज रहे हैं
इस दौरान मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि सन उन्नीस सौ वानवय में परम पूज्य आध्यात्मिक संत निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में त्रिकाल चौबीस के साथ ही विद्यमान बीस तीर्थंकर भगवान को इस जिनालय में विराजमान किया गया था इस वेदी को नवीन रूप देकर आज मुनि श्री के सान्निध्य में हम सब भक्ति भाव से भगवान को उच्च आसन दे रहे हैं । इस दौरान महामंत्री राकेश अमरोद ने कहा कि महाराज कुछ दिनों का आपका सन्निध्य अशोक नगर को मिले सिद्धचक्र महा मंडल विधान आपके सानिध्य में चलता रहे यही प्रार्थना है।
जीवन को सहज और सरल वनाये: मुनि श्री निरापद सागर जी
इस अवसर पर मुनि श्री निरापद सागरजी महाराज ने कहा कि श्रावक की शोभा दान से है फसल प्राप्त करने के लिए सबसे पहले किसान भूमि को तैयार करता है इसके इसके बाद उचित समय पर बीज का वपन कर खाद पानी देकर फसल पैदा करता है थोड़ा सा बीज बोकर फसल प्राप्त कर लेते हैं ऐसे ही थोड़े से दान देने का परिणाम है कि आज आपके जीवन में सम्पन्ना दिख रही है आगे भी आपका जीवन उन्नत हो इसलिए आपको दान करते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सुख शांति समृद्धि पाने के लिए जीवन में सरलता और सहजता का होना अनिवार्य है सहज जीवन मन को सरल बना देता है और मन में शान्ति वनी रहतीं हैं जव आपके पास सुख और शांति होगी तो समृद्धि अपने आप आने लगेगी।
इनको मिला श्री जी विराजमान करने का सौभाग्य
विधान के उपरांत नमन भइया के मंत्रोच्चार के बीच समाज के मंत्री राकेश अमरोद, मन्दिर संयोजक श्रेयांस घेला, थूवोनजी कमेटी के अध्यक्ष अशोक जैन टींगू मिल, ट्रस्टी नवीन सर, अजित वरोदिया, श्रीमति साधना साक्षी, गौरव जैन टिंगू मिल, सुनील वेलई, धनकुमार राजपुर, चन्दू वांसल, वल्लू इंडियन, राजकुमार, अमित, अविनाश, संजीव पारस, वाझल विनोद, सुरेश, योगेश, महावीर हर्षित खेम चन्द्र, चन्द्र, अनिल, ग्रामीण वैक सहित अन्य भक्तों ने श्री जी विराजमान करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
आदिनाथ जिनालय में महा आराधन के दौरान किए अर्घ समर्पित
गाव मन्दिर में चल रहे श्री सिद्धचक्र महा मंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ में भक्ति और उत्सव का एक अलग ही आनंद देखने को मिला जब श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान भक्तों द्वारा भगवान की संगति के साथ महा आराधना की जा रही है आज चौंसठ रि्द्धि धारी महा मुनिराजो के चरणों में श्री फल के साथ अर्घ समर्पित किए गए इस दौरान पुरुष महिलाए वच्चे भगवान की भक्ति में झूम कर प्रभु की जय जयकार कर रहे थे संगीत की स्वर लहरियां और भक्तों की जय जय कार के वीच भक्तों ने मंडल पर श्री फल भेंट किए इस अवसर पर समाज के मंत्री राकेश अमरोद मन्दिरसंयोजक मनीष सिघई नरेश एडवोकेट अरविंद जैन कचंनार टिकंल जैन बब्लू भइया मनीष वरखेडा मुकेश मूडरा सहित अन्य भक्त विशेष रूप से उपस्थित थे।