चातुर्मास मे साधना आराधना करने से मानव अपने जीवन का उत्थान का मार्ग प्राप्त कर सकता है: साध्वी डॉक्टर प्रितीसुधा
भीलवाड़ा। भगवान महावीर स्वामी के जय घोष के नारो के साथ हुआ महासती उमराव कंवर डॉ प्रितीसुधा, मधूसुधा साध्वी संयमसुधा आदि ठाणा 4 का सोमवार को चातुमार्सिक प्रवेश हुआ। शास्त्रीनगर मे बाबेल भवन से भव्य शोभायात्रा जय जयकारो के नारो मुख्य मार्गो से गुजायमान करते हुये अहिंसा भवन शास्त्री नगर पहुची वहा पर श्रावक संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल संरक्षक मीठ्ठालाल सिंघवी हेमन्त आंचलिया पूर्व अध्यक्ष अशोक पोखरना तथा संघ के मंत्री रिखबचंद पीपाड़ा, संदीप छाजेड़, सुशील चपलोत,कुशलसिंह बूलिया व शांति भवन के अध्यक्ष महेन्द्र छाजेड़ मंत्री राजेन्द्र सुराणा, समाजसेवी दिनेश संचेती, राजेन्द्र सुकलेंचा महावीर नवयुवक मंडल के अध्यक्ष पुखराज चौधरी मंत्री प्रदीप पारख,भूपेन्द्र सिंह पंगारिया तथा पूर्व सभापति मंजू पोखरना चंदनबाला महिला मंडल अध्यक्षा नीता बाबेल संरक्षिका मंजु बाफ़ना,सुशीला छाज़ेड़,संजूलता बाबेल,उमा आँचलिया संतोष सिंघवी, सुनीता सुकलेचा,सुनीता बोर्दिया, स्नेहलता चौधरी, लाड़ मेहता आदि पदाधिकारियों ओर हजोरो श्रावक श्राविकाओ की मोजूदगी ओर महासती इन्दुप्रभा डॉक्टर दर्शनप्रभा आदि कि उपस्थित मे महासती उमराव कंवर प्रितीसुधा आदि की अगवानी के साथ सभी ने साध्वी मंडद का अभिनन्दन किया। इसदौरान डॉक्टर प्रिती सुधा ने चातुर्मास प्रवेश समारोह मे आये सभी को आर्शीवाद प्रदान करते हुये कहा कि चातुर्मास तभी सार्थक हो सकता है जब आप तप त्याग के साथ जीवन मे धर्म का समावेश करके जीनवाणी को सुनकर भीतर मे उतारलेगे तो परिवार समाज एकता सूत्र बंधकर राष्ट्र का उत्थान कर पायेंगे। इसदौरान पाली जौधपुर,सोजत,अजमेर चितौड़गढ़,मावली, डूगला तथा चैन्नई बैगलोर हैदराबाद आदि क्षैत्रो के श्रध्दालूओ ने चातुर्मास प्रवेश भाग लिया। दिनांक 1 जुलाई से तेले तप की तपस्या का आयोजन रखा गया है तथा चातुर्मास मे नियमित प्रवचन प्रात 9 बजे से 10:30 बजे तक व धार्मिक प्रतियोगिता दोहर 3 बजे से प्रारंभ होगी।