जयपुर। परम पूज्या राजस्थान सिंहनी महाश्रमणी गुरुमाता महासती श्री पुष्पवती जी म. सा.(माताजी म.सा.), परम पूज्या उपप्रवर्तिनी मरुधरा शिरोमणि सद्गुरुवर्या महासती डॉ.श्री राजमती जी म. सा. आदि ठाणा 7 का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश दिनांक 26 जून को पोरवाल भवन, गौरी विहार से किरणपथ, मानसरोवर (जयपुर) स्थित महावीर भवन में हुआ। मंगल प्रवेश एक भव्य जुलूस के रूप में पोरवाल भवन से प्रारंभ होकर महावीर भवन पहुंचा। करीब दो किलोमीटर की यात्रा के दौरान सैंकड़ों श्रद्धालु जयघोष का नारा लगाते हुए चल रहे थे। जिसमें श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्था, श्राविका मंडल, युवा प्रकोष्ठ के सदस्य और जयपुर के विभिन्न उपनगरों और जयपुर के बाहर (मदनगंज किशनगढ़, ब्यावर, मकराना, सवाई माधोपुर, अलीगढ़ रामपुरा, जोधपुर आदि शहरों) से आए लोग सम्मिलित थे। जुलूस महावीर भवन पहुंचकर एक धर्मसभा में परिवर्तित हो गया, जहां पूज्या महासतियां जी म. सा. ने बताया कि चातुर्मास जीवन को संयमित और संतुलित बनाकर आत्मा का उद्धार करने का अवसर प्रदान करता है। पूज्या महासती डा. राजीमती जी महाराज साहब ने श्रद्धालुओं को चातुर्मास के दौरान ज्यादा से ज्यादा धर्म ध्यान और त्याग तपस्या करने तथा बत्तीस आगमों की वाचनी में उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर श्रीसंघ मंत्री प्रकाश लोढ़ा ने चातुर्मास के दौरान आयोजित दैनिक धार्मिक गतिविधियों की जानकारी उपस्थित श्रद्धालुओं को दी। अंत में, श्रीसंघ अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जैन ‘राजा’ ने चातुर्मास की विनती स्वीकार किए जाने पर गुरु भगवन्तों और महासती जी का आभार व्यक्त किया। धर्म सभा का कुशल संचालन वीर कमलेश जैन रोशनपुरा ने किया।