जयपुर। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मन्दिर में मूल नायक भगवान नेमिनाथ का निर्वाणोत्सव श्रद्धा व भक्ति के साथ ज़ोर शोर से मनाया गया। प्रबंध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया की दो दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन रविवार को निर्वाण की पूर्व संध्या पर आरती के बाद 24 तीर्थंकर की 24 दीपक से समंतभद्राचार्य रचित 143 पद्य महा अर्चना रमेश साख़ूनिया के निर्देशन में की गई। दूसरे दिन आषाढ़ शुक्ला अष्टमी सोमवार को प्रातः मूल नायक जैन धर्म के बाइसवें तीर्थंकर नेमिनाथ के प्रथम अभिषेक का सोभाग्य रमेश अरविंद साख़ूनिया परिवार को मिला ।इसके बाद अरिष्ट नेमि देवाधिदेव दिवस मनाते हुए नेमिनाथ गाथा अर्थ सहित समझायी गई। जगत शांति हेतु बीजाक्षर व रिद्धि मन्त्र युक्त वृहद् शान्ति धारा मैना सुंदर अरविन्द बेला साख़ूनिया परिवार द्वारा की गई। सभी द्वारा प. चीकू भैया के सानिध्य में भगवान नेमिनाथ की शान्त भाव से अष्ट द्रव्य से अर्थ समझाते हुए भक्ति के साथ पूजन की गई तथा निर्वाण काण्ड का वाचन कर खचाखच भरे मन्दिर को गुंजायमान करते जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू चढ़ाया। मुख्य वेदी पर तथा गुम्बज में खड़गाशन प्रतिमा पर निर्वाण लाडू चढ़ाने का सोभाग्य सनत कुमार दिलीप चाँदवाड परिवार को मिला। बाद में नेमिनाथ की आरती हुई। सभी कार्यक्रम में समाज के गण मान्य सदस्यों , प्रबन्ध समिति ,महिला मण्डल ,व युवा मंच सहित सभी की सहभागिता रही।