आचार्य ससंघ का पंचशील मन्दिर के लिए होगा मंगल विहार
अनिल पाटनी/अजमेर। संसार में यदि सबसे बुद्धिमान कोई है तो वह मनुष्य है,वृक्ष को काटने के बाद तो वृक्ष उत्पन्न होना संभव है, लेकिन मनुष्य जीवन मिलना संभव नहीं है यह बात आचार्य श्री पार्श्वनाथ कालोनी संत निवास मे धर्म सभा मे कही। आगे कहा जैन दर्शन कहता अच्छे कर्म करने से तुम्हारा कल्याण होगा भरत चक्रवर्ती के पास छः खंड के अधिपति थे उन्होंने अपना उत्तराधिकारी अर्क कीर्ति को बनाया लेकिन अर्क कीर्ति से सभी लोग कट गए केवल अयोध्या का ही राज्य उनके पास बचा, हम किसी श्रेष्ठ को प्राप्त करना चाहते हैं तो श्रद्धा मजबूत होनी चाहिए श्रद्धा से श्रेष्ठ वस्तु प्राप्त होगी।
आचार्य विवेक सागर जी महाराज ने किये कैशलोंच
आचार्य श्री ने दोपहर संत निवास मे कैशलोंच संपन्न किये। पदम चन्द सोगानी ने बताया कि दि. मुनि शरीर की सुंदरता को नष्ट करने और अहिंसा धर्म का पालन करने के लिए केशलोंच करते हैं, केशलोंच के समय उनकी ये भावना रहती है कि बाल उखाड़ने के कष्ट के साथ उनके बाल कर्म भी दूर हो रहे हैं,जैन साधु जब केशलोंच करते हैं तो आत्मा की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है,अपने आत्म सौंदर्य बढ़ाने के लिए कठिन साधना करते हैं, इससे संयम का पालन भी होता है व.उपवास रखते है जब यह केशलोंच करते हैं तो इनके चेहरे पर मुस्कुराहट देखने को मिलती है क्योंकि कैशलोंच के समय मुनियों को उफ्फ तक करने की अनुमति नहीं होती है। केशलोंच करते समय जैन मुनि कंडे की राख का उपयोग करते हैं,कहा जाता है ऐसा जैन मुनि इसलिए करते हैं जिससे केशलोंच के दौरान पसीने के कारण हाथ न फिसल जाएं और खून निकलने से कोई रोग न फैले, केशलोंच करना जैन मुनियों की तपस्या का एक अनिवार्य हिस्सा है, दौरान वो घास फूस की तरह अपने हाथों से सिर, मूंछ और दाढ़ी के बालों को उखाड़ते हैं व कैशलोंच के दिन उपवास साधनारत रहते है।
आचार्य ससंघ का पंचशील मन्दिर मे होगा मंगल आगमन
पदम चन्द सोगानी ने बताया मंगलवार को प्रातः 6:30 बजे आचार्य ससंघ का पार्श्वनाथ कालोनी जैन मन्दिर से पंचशील दि.जैन मन्दिर के लिए मंगल विहार होगा मांगलिक कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रात: 8.00 बजे आचार्य श्री के मंगल प्रवचन होगे।