Saturday, September 21, 2024

जानें नसों में दर्द होने का क्‍या है मतलब

किसी खास नर्व में होता है नर्व पेन या न्यूरॉल्जिया। नर्व पेन एक जटिल और क्रॉनिक तकलीफदेह स्थिति।जलन की अनुभूति, संवेदनहीनता और पूरे नर्व में दर्द। गहरी टेंडन रिफ्लैक्स में कमी या मांसपेशियों का कम होना। नर्व पेन या न्यूरॉल्जिया किसी खास नर्व में होता है। न्यूरॉल्जिया में जलन, संवेदनहीनता या एक से अधिक नर्व में दर्द फैलने की समस्या हो सकती है। न्यूरॉल्जिया से कोई भी नर्व प्रभावित हो सकती है। नसों में दर्द के सही मतलब और इसके उपचार के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

नर्व के दर्द के कारण

ड्रग्स, रसायनों के कारण परेशानी, क्रॉनिक रिनल इनसफिशिएंशी, मधुमेह, संक्रमण, जैसे-शिंगल्स, सिफलिस और लाइम डिजीज, पॉरफाइरिया, नजदीकी अंगों (ट्यूमर या रक्त नलिकाएं) से नर्व पर दबाव पड़ना, नर्व में सूजन या तकलीफ, नर्व के लिए खतरे या गंभीर समस्याएं(इसमें शल्यक्रिया शामिल है), अधिकतर मामलों में कारण का पता नहीं चलता। नर्व पेन एक जटिल और क्रॉनिक तकलीफदेह स्थिति है, जिसमें वास्तविक समस्या समाप्त हो जाने के बाद भी दर्द स्थायी रूप से बना रहता है। नर्व पेन में दर्द शुरू होने और रोग की पहचान होने में कुछ दिन से लेकर कुछ महीने लग सकते हैं। नर्व को थोड़ा सा भी नुकसान पहुंचने पर या पुराने चोट ठीक हो जाने पर भी दर्द शुरू हो सकता है।

लक्षण

जलन की अनुभूति, संवेदनहीनता और पूरे नर्व में दर्दशरीर के प्रभावित भाग की गति औऱ कार्य-प्रणाली मांसपेशियों की कमजोरी, दर्द या नर्व की क्षति के कारण अवरुद्ध हो जाती है। दर्द अचानक उठता है और बहुत तेज दर्द होना, जैसे-कोई नुकीली चीज चुभ रही हो या जलन की अनुभूति होती है। यह दर्द लगातार रह सकता है या रुक-रुक कर होता है।छूने या दबाने से दर्द महसूस होता है और चलना फिरना भी कष्टदायक हो जाता है।प्रभावित नर्व के पथ में दर्द रहता है या यह दर्द बार-बार होता है।

जांच और रोग निदान

किसी एक जांच से नर्व पेन की पहचान नहीं की जा सकती। प्रारंभ में डॉक्टर आपके लक्षणों और दर्द के विवरण के साथ शारीरिक जांच से रोग के पहचान का प्रयास करता है। आपके शारीरिक जांच से पता चल सकता है- त्वचा में असामान्य अनुभूति। गहरी टेंडन रिफ्लैक्स में कमी या मांसपेशियों का कम होना।प्रभावित क्षेत्र में पसीना कम निकलना(पसीना निकलना नर्व के द्वारा नियंत्रित होता है)। नर्व के पास स्पर्श से दर्द या सूजन महसूस होना।ट्रिगर प्वाइंट या ऐसे क्षेत्र जहां हल्के से छू देने से भी दर्द शुरू हो जाए।दांतों की जांच, जिसमें फेशियल पेन को जन्म देनेवाली दांतों की समस्याएं शामिल नहीं हैं (जैसे-दांतों में ऐबसेस या फोड़े) प्रभावित क्षेत्र के लाल हो जाने या सूजन आने जैसे-लक्षण, जिससे संक्रमण, हड्डी टूटने या रयूमेटॉइड अर्थाराइटिस की स्थिति की पहचान में सहायता मिले।

उपचार

नर्व पेन का इलाज सामान्यतया कठिन है, और प्राय: दर्द से राहत देने वाले इलाजों से इस दर्द में कोई अंतर नहीं आता। आपको कई प्रकार के चिकित्सा पद्धतियों को आजमाने की आवश्यकता होती है, ताकि पता चल सके कि कौन सी प्रणाली आपके लिए लाभकारी है। कभी-कभी स्वयं या समय के साथ हालत में खुद-ब-खुद सुधार आ जाता है। चूंकि नर्व पेन का इलाज आसान नहीं है, इसके उपचार के मुख्य लक्ष्य हैं-

दर्द की तीव्रता कम करना, स्थायी दर्द से जूझने में आपकी सहायता करना, आपके दैनिक जीवन पर दर्द के प्रभाव कम करनाअगर किसी आंतरिक बीमारी(जैसे-डायबिटीज, ट्यूमर) के कारण दर्द हो रहा है तो इसका पता चलने पर अगर इस बीमारी का इलाज संभव है तो इलाज करना। डायबिटीज के रोगियों में शुगर पर कड़े नियंत्रण से न्यूरॉल्जिया में लाभ होता है। कभी-कभी ट्यूमर या किसी अन्य वजह से नर्व पर दबाव पड़ने की वजह से उसमें दर्द होता है, ऐसी स्थिति में जिस कारण से दबाव पड़ रहा है उसे सर्जरी से हटाने की जरूरत होती है। एक्यूप्रेशर के पॉइंट्स का उपचार अत्यंत कारगर है। अंगूठे पर मौजूद मस्तिष्क के पॉइंट्स पर दबाव से लाभ मिलता है। योगेंद्र रस, वृहत वात चिंतामणि रस, अश्वगंधा चूर्ण व वात नाशक औषधि उपचार लाभकारी है।

डाॅ. पीयूष त्रिवेदी, एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ

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