अमित गोधा/ब्यावर। जैन दिवाक़र सम्प्रदाय की महासती धैर्यप्रभा जी आदि ठाणा का भगवान महावीर और जैन दिवाकर चौथमल जी महाराज साहब के जयकारों के साथ भव्य चातुर्मासिक प्रवेश हुआ। चातुर्मास मीडिया प्रभारी रूपेश कोठारी ने बताया कि महासती धैर्यप्रभा जी, धृतिप्रभा जी, धीर प्रभा जी एवं धार्मिक प्रभा जी सैकड़ों श्रावक श्राविका उपस्थिती में जयघोष के साथ प्राज्ञ भवन से विहार कर चातुर्मास हेतु बाफना गली स्थित गांधी आराधना भवन पधारें। दिलीप बाबेल ने बताया की इस वर्ष पांच माह का चातुर्मास होगा। महासती वृन्द द्वारा बिरद भवन में प्रतिदिन प्रातः 09 बजे से 10 बजे तक रोचक प्रवचन के माध्यम से ज्ञान की गंगा बहाई जायेगी। इसके अलावा 12 घण्टे का प्रतिदिन नवकार मन्त्र का जाप भी होगा। इसके अलावा पूरे चातुर्मास काल मे रोचक प्रतियोगिताएं, दोपहर को ज्ञान चर्चा आदि धार्मिक कार्यक्रम भी होंगे। महासती धैर्यप्रभा ने प्रवेश के बाद उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए सभी को पांच माह तक धर्म देशना सुनने और दूसरों को सुनने हेतु प्रेरित करने का आव्हान किया। धर्मनगरी ब्यावर महासती जी के गुरु स्पष्ट वक्ता, संथारा विशेषज्ञ धर्ममुनि जी म.सा. की दीक्षा स्थली भी हैं। इस पावन धरती पर पांच माह का चातुर्मास गुरु आज्ञा से पाना हमारा परम सौभाग्य हैं। सभी को इस अवसर को एक त्यौहार के रूप में मनाकर धर्मलाभ लेना हैं।
महासती धृति प्रभा जी ने अपनी सुमधुर आवाज में “आपकी नगरी में चौमासा हम बिताएंगे” गीत गा कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पारसमल श्रीमाल ने बताया कि महासती जी ने अपने चातुर्मासिक प्रवेश पर उपस्थित श्रद्धालुओं से 51 तेले तप की मांग रखी जिस पर उपस्थित धर्मानुरागी श्रावक श्राविकाओं के द्वारा तत्काल 61 से अधिक तेले तप करने की भेंट महासतियाँ जी को दी। इस अवसर पर महिला मंडल एवम बहु मण्डल द्वारा मंगल गीत गाये गए। सोनम गुगलिया और शोभा जी सांखला द्वारा स्वागत गीत, हस्तीमल गोलेच्छा एवं रोकड़ चंद बड़ोला द्वारा अपने विचार प्रकट किए गए। मंच का संचालन दिवाकर संघ के मंत्री हेमन्त बाबेल द्वारा किया गया। इस अवसर पर जैन दिवाकर संघ अध्यक्ष देवराज लोढ़ा, महिला मंडल अध्यक्षा सुशीला लोढ़ा, नवयुवक मंडल अध्यक्ष दीपक बाफना, बहु मण्डल अध्यक्षा सन्ध्या छल्लाणी एवं समस्त संघ सदस्यों द्वारा सभी से पांच माह जिनवाणी सुनने एवं दुसरो को भी प्रेरित करने की अपील की। इस अवसर पर सम्पतराज छल्लानी, गौतमचंद छल्लानी, नौरत मल बाफना, शान्तिलाल बोहरा, चन्दूलाल कोठारी, महेंद्र सांखला, कपूरचंद गादीयां, चैनराज कोठारी, रतनलाल भंसाली, दुलीचन्द मकाना, अनिल डोसी, पुष्पेंद्र बाबेल, नेमीचंद बोहरा, राजू सेठिया, सम्पतराज नाहटा, अन्नराज तातेड़, रिखबचंद डांगी, लक्ष्मीचंद भण्डारी, अनिल लोढ़ा आदि श्रावक श्राविका सम्मिलित हुए।