झुमरीतिलैया। प्रातः श्री दिगंबर जैन दोनों मंदिरों में जैन धर्म के सबसे बड़े संत शिरोमणि गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का 56वां मुनि दीक्षा समारोह मनाया गया। जिसमें प्रातः देवाधिदेव 1008 पारसनाथ भगवान का महमस्तिकाभिषेक के साथ श्री दिगंबर जैन विद्यासागर पाठशाला द्वारा आचार्य श्री के फोटो के समक्ष मंगलदीप प्रज्वलित किया गया पाठशाला के बच्चों के द्वारा एवं शिक्षिकाओं के द्वारा भक्ति भाव के साथ गुरुदेव का पूजा किया गया। श्रद्धालु भक्तजन भक्ति भाव से नाचते गाते हुए आचार्य श्री के चरणो में अपनी आस्था और भक्ति प्रदर्शित कर रहे थे इसके पश्चात सभी ने अपने उद्गार व्यक्त किए इसमें बताया कि आचार्य श्री विद्यासागर जी को प्रथम दीक्षा उनके गुरु आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज के द्वारा राजस्थान में दिया गया जो आज पूरे भारत में विहार कर जैन धर्म का डंका बजा रहे हैं गुरुदेव ने लगभग 400 पिछी को दीक्षा देकर ओर सेकड़ो दीदी ओर भैया जी को त्याग दिलाकर धर्म मार्ग पर लगाया। आचार्य श्री आजीवन मीठा, दही, नमक, ड्राई फ्रूट्स का त्याग कर तपस्या में रत है गुरुदेव की एक झलक पाने के लिए लोग हजारों किलोमीटर चलकर छत्तीसगढ़ के डूंगरगढ़ में विराजमान आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज को देखने पहुंच रहे हैं इस वर्ष आचार्य श्री का चातुर्मास डूंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में हो रहा है आचार्य श्री विद्यासागर हमेशा पूरे विश्व और भारत में अहिंसा और शांति का अलख जगा रहे हैं, समाज के मंत्री ललित सेठी ने गुरूवर के चरणों मे श्री फल अर्पित किया।
कोडरमा मीडिया प्रभारी जैन राज कुमार अजमेरा, नविन जैन