राजेश जैन दद्दू/डोंगरगढ़। श्रमण संस्कृति के महामहिम संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज इस युग के ऐसे महाश्रमण हैं जिनके दर्शन और सानिध्य पाना अथवा किसी नगर या ग्राम में उनके चातुर्मास का होना नगर वासियों के लिए महा सौभाग्य एवं धन्यता का विषय होता है। इस वर्ष आचार्य श्री के 57 वे चातुर्मास का महा सौभाग्य उनकी ही प्रेरणा एवं आशीर्वाद से निर्मित दिगंबर जैन तीर्थ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ को तीसरी बार प्राप्त होने जा रहा है। दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन के मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने बताया कि आचार्य श्री इन दिनों चंद्र गिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में ससंघ विराजमान है। आपके साथ संघस्थ मुनि श्री प्रसादसागरजी, मुनि श्री चंद्रप्रभसागरजी एवं मुनि श्री निरामयसागरजी महाराज भी विराजमान है। आपके चातुर्मास की स्थापना का मंगल कलश समारोह संभवतः 2 जुलाई से 7 जुलाई के बीच चंद्र गिरी डोंगरगढ़ में होगा । समारोह में इंदौर सहित देशभर से हजारों श्रद्धालु पहुंचेंगे।
आचार्य श्री का 56वां मुनि दीक्षा दिवस आज
आचार्य श्री का आज 23 जून को 56वां मुनि दीक्षा दिवस देशभर में मनाया जाएगा। मुख्य समारोह आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में होगा। इस उपलक्ष में इंदौर के विभिन्न जिनालयों में भी आचार्य श्री की पूजन, एवं विनयांजलि के कार्यक्रम होंगे। स्मरणीय है कि आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने दिनांक 30 जून 1968 (आषाढ़ शुक्ल पंचमी) को अजमेर शहर में ब्रह्मचारी विद्याधर को मात्र 22 वर्ष की आयु में मुनि दीक्षा प्रदान की थी।