Saturday, September 21, 2024

श्रेष्ठ बनें

देह थकी हो, या बीमारी,
नींद न आये, हिम्मत हारी।
योग दिलाये राहत भारी,
हर बीमारी पर यह भारी।
कमर दर्द हो, सिर हो भारी,
जकड़न, तड़पन, ऐंठन भारी,
हर आपद से मुक्ति दिलाये,
स्वस्थ करे, मन आनंद लाये।
आँख, कान या गले में पीड़ा,
खिन्न, उदासी,से दिन बीता,
योग हर्ष उत्साह दिलाये,
स्फूर्ति, उल्लास ये लाये।
सुबह सवेरे योग करें हम,
सूर्य रश्मि से प्रखर बनें हम,
प्राण वायु से ऊर्जा ले लें,
रोम रोम आनंदित कर लें,
श्रेष्ठ बनें, जग श्रेष्ठ बनाएं।
हर्ष, प्रेम, उत्साह जगाएं।

इंजिनियर अरुण कुमार जैन
भोपाल, फ़रीदाबाद।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article