हम सब के दिलों को प्रसन्न करना चाहते हैं: आगम सागर जी महाराज
अशोक नगर। हम सब के दिलों को प्रसन्न करना चाहते हैं, किसी के दिल को दुखाने का हम सोच भी नहीं सकते। साधु ऐसा कोई काम नहीं करता जिससे भक्त के मन में विकल्प पैदा हो। हम अपने गांव में अच्छे से अच्छा कार्य करें। हम वचन नहीं दे सकते हैं, हम प्रिय वचन देते हैं, ना हमारी संस्कृति में नहीं है। हम ऐसे कोई वचन नहीं बोलते जिसमें विरोधा भाष उत्पन्न हो, उक्त आश्य के उद्गार आगम सागर जी महाराज ने व्यक्त किए।
अशोक नगर जैन पंचायत कमेटी पहुची पिपरई
जैन युवा वर्ग के पूर्व अध्यक्ष विजय धुर्रा ने पिपरई से लौटकर बताया कि पिपरई में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनिश्री आगमसागरजी महाराज, मुनिश्री पुनीत सागर जी महाराज ससंघ को अशोक नगर जैन समाज पंचायत कमेटी की ओर से समाज के महामंत्री राकेश अमरोद, कोषाध्यक्ष सुनील अखाई, थूवोनजी के महामंत्री विपिन सिंघाई, मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा, युवा वर्ग के संरक्षण शैलेन्द्र श्रागर, मन्दिर संयोजक मनीष सिघई, कमेटी के टिकंल जैन, नरेश एडवोकेट, गड्डू भइया, संजय मुडरा, रिक्कू भइया, आलोक बजाज सहित अन्य भक्तों ने श्री फल भेंट कर अशोक नगर पधारने का निवेदन किया।
दक्षिण भारत में आई जलप्रलय जैसी स्थिति में अशोक नगर से राहत पहुची
इस दौरान मुनि श्री पुनीत सागर जी महाराज ने कहा कि जब दक्षिण भारत में जल प्रलय से जीवन पर संकट आ रहा था और हमारे संघ के बड़े महाराज निर्यापक श्रमणमुनिपुंगव श्रीसुधासागर जी महाराज के आव्हान पर उत्तर भारत से हर तरह की मदद पहुंची। आपकी दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी के तत्वावधान में यहां से राहत सामग्री के साथ कपड़ों से भरा ट्रोला पहुंचा, जो राहत के साथ व्यवस्थित रूप से वितरित किया गया। यह एक बहुत बड़ी आपदा थी, जिसमें कई साधु-संघो को अपना स्थान बदलना पड़ा था। उन्होंने कहा कि गरीबों को अमीर बनने का मंत्र हम देते हैं। आप दुध-दही सब अपने उपयोग के लिए ले सकते हैं। बस जल का उपयोग तीन लोक के नाथ पर अभिषेक के लिए सबसे पहले करें, फिर देखना कि आपके अच्छे दिन कितनी जल्दी प्रारंभ होते हैं।