Saturday, September 21, 2024

ऐतिहासिक नगर आमेर में होगा जैन संत का चातुर्मास

बूंदाबादी के बीच हुआ उपाध्याय ऊर्जयंत सागर का चातुर्मास मंगल प्रवेश

जयपुर। जयपुर के ऐतिहासिक नगर आमेर स्थित संकटहरण पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर फागीवाला में होने जा रहे पूज्य उपाध्याय ऊर्जयंत सागर जी मुनिराज के चातुर्मास 2023 हेतु भव्य मंगल प्रवेश हुआ। चातुर्मास समिति के महामंत्री दौलतमल फागीवाला के अनुसार आज प्रातः 6 बजे पूज्य उपाध्याय श्री ने ख्वास जी का रास्ता स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सोनियान से अपनी विहार यात्रा प्रारंभ करी, पुण्य उपाध्याय श्री सुभाष सर्किल, जोरावर सिंह गेट, जल महल होते हुए आमेर मावठा पाल पहुंचे जहां चातुर्मास समिति के सदस्यों द्वारा उपाध्याय श्री का पादप्रक्षालन और आगवानी की गई। समिति के मुख्य संयोजक रूपेंद्र छाबड़ा ‘अशोक’ के अनुसार आमेर मावठा पाल से शोभायात्रा के साथ उपाध्याय ऊर्जयंत सागर जी का मंगल प्रवेश प्रारंभ हुआ शोभायात्रा सुसज्जित लवाजमे के साथ संकटहरण श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर फागीवाला की और शुरू हुई। शोभायात्रा में हाथी, ऊंट, घोड़े, बग्गी, बैंड सहित विभिन्न मंदिरों के महिला मण्डल मंगल कलश लिए चल रहे थे, इस अवसर पर इंद्र देव भी अपनी मंद मंद बूंदों से आमेर की वादियों को मनोहारी बना रहे थे। समिति के प्रचार संयोजक बाबू लाल ईटून्दा के अनुसार शोभायात्रा मंदिर पहुंच धर्मसभा में परिवर्तित हुए, जहां जिनेन्द्र जैन जीतू द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर धर्म श्रेष्ठि श्री अजय कुमार जी, सौरभ कुमार जी पांड्या द्वारा भगवान के चित्र का अनावरण किया गया, वही समाज श्रेष्ठि श्री रामगोपाल जी सर्राफ द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए पूज्य उपाध्याय श्री ऊर्जयंत सागर जी मुनिराज ने संत संगति के लाभों को समझाते हुए कहा कि देव, शास्त्र और गुरु के सानिध्य से प्राप्त अवसर को सुअवसर बनाते हुए हमे अपने मनुष्य जीवन का कल्याण करना चाहिए। पूज्य उपाध्याय श्री ने कहा भगवान पार्श्वनाथ का जीवन चरित्र हम सभी को प्रेरित करने वाला है। जिस प्रकार भगवान पार्श्वनाथ ने मरते हुए नाग नागिन को बचाया, उस समय यह नही सोचा के ये जहरीले है। उन्होंने बस यही सोचा के ये बेगुनाह जीव है, जो अज्ञानता वस जलाए जा रहे हैं। उसी के परिणाम स्वरूप जब पार्श्वनाथ पर उपसर्ग आया तब वही नाग नागिन भगवान के उपसर्ग निवारण में सहायक बने। इसी प्रकार हम साधर्मी बंधुओ कि मदद करते समय यह नही सोचना चाहिए के यह मेरा दुश्मन है। पूज्य उपाध्याय श्री ने कहा मित्र और सहयोगी या दुश्मन हमारी मनोस्थिति के कारण होते हैं। चातुर्मास समिति के मुख्य समन्वयक मनीष वैद ने बताया कि आज के चातुर्मास मंगल प्रवेश शोभायात्रा में जयपुर शहर के प्रताप नगर, दुर्गापुरा, सिद्धार्थ नगर, वैशाली नगर सहित दौसा के समाज बंधु उपस्थित रहे।

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