महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. के सानिध्य में यश सिद्ध स्वाध्याय भवन में धर्मसंदेश
भीलवाड़ा। चातुर्मास में जिनवाणी प्रतिदिन श्रवण करने का लक्ष्य हमारा होना चाहिए। जहां भी हमारे नजदीक संत-साध्वी हो वहां पहुंचकर जिनवाणी श्रवण का लाभ लेना चाहिए। चातुर्मास की सार्थकता तभी है, जब उसमें खूब धर्म, तप, त्याग व साधना हो। आगामी चातुर्मास में सभी समर्पित भाव से जिनशासन की आराधना करें। ये विचार सांगानेर रोड स्थित यश सिद्ध स्वाध्याय भवन में मरूधरा मणि महासाध्वी श्रीजैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या मरूधरा ज्योति महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. के सानिध्य में आयोजित धर्मसभा में मधुर व्याख्यानी डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा. ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हम चातुर्मास में सेवा व साधना का भाव रखे। परिवार हो या समाज सदा समभाव रखे यानि किसी के साथ कोई भेद नहीं करें। घर में बहु या बेटी एक जैसा व्यवहार करेंगे तो कभी कलह की स्थिति नहीं आएगी। धर्मसभा में तत्वचिंतिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा. ने संतोषी जीवन जीने की सीख देते हुए कहा कि व्यक्ति को 99वें के फेरे में पड़ने से बचना चाहिए। जो इस चक्कर में पड़ जाता है अपने पास कितनी भी धन संपदा हो जाए संतुष्ट नहीं होगा। हमे धर्म साधना से परिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए तब हम अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे। अंत में महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. ने सभी के लिए मंगलभावनाएं व्यक्त करते हुए आशीर्वाद प्रदान किया। अरिहन्त विकास समिति चन्द्रशेखर आजादनगर के मंत्री सुरेन्द्र चौरड़िया ने सभी से 28 जून को मरूधरा ज्योति महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा 6 के रूप रजत भवन में चातुर्मासिक मंगलप्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने की विनती की। वरिष्ठ सुश्रावक भूपेन्द्र पगारिया ने भी विचार व्यक्त किए। यश सिद्ध महिला मण्डल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। यश सिद्ध स्वाध्याय भवन के मंत्री मुकेश डांगी ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि महासाध्वीवृन्द गुरूवार सुबह 6 बजे यश सिद्ध स्वाध्याय भवन से वर्धमान कॉलोनी स्थित अंबेश भवन के लिए विहार करेंगे जहां सुबह 9 बजे से प्रवचन होगा। प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा 6 का 23 व 24 जून का प्रवास बापूनगर स्थित महावीर भवन एवं 25 जून का प्रवास पुराना आजादनगर स्थानक में रहेगा। अहिंसा भवन में 26 जून को प्रवास के बाद 27 जून को न्यू आजादनगर स्थानक में प्रवास रहेगा। इससे पूर्व बुधवार सुबह अरिहन्त भवन से विहार कर महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. के साथ आगम मर्मज्ञ डॉ. श्रीचेतनाजी म.सा., मधुर व्याख्यानी डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा., तत्वचिंतिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा., आदर्श सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा. एवं नवदीक्षिता हिरलप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा यश सिद्ध स्वाध्याय भवन पहुंचे।
संथारासाधक शांतिप्रिय म.सा. के दर्शन किए
पूज्य महासाध्वी इंदुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा 6 ने विहार के मध्य तेरापंथ संघ के मुनि श्रीशांतिप्रियजी म.सा. के दर्शन किए, जिनका भीलवाड़ा में संथारा गतिमान है। दो समुदायों के संत-साध्वीजी म.सा. के दर्शन-वंदन, अभिवादन का बहुत सहज स्वरूप यहां देखने को मिला। एक श्रावक ने संथारे की साधना में लीन मुनिश्री से कहा कि महासाध्वीजी पधारे हैं, तो उन्होंने आंखे खोले हाथ उपर किया। इससे यह अहसास हुआ कि संथारा उच्च भावों व सजगता से गतिमान है। महासाध्वीवृन्द ने वैराग्यभाव से परिपूर्ण 2 स्तवन से माहौल भक्तिमय बना दिया। वहां संथारे में लीन मुनि की सेवा में लगे अन्य संतों से अभिवादन व संक्षिप्त धर्मचर्चा के बाद महासाध्वीवृन्द ने यश सिद्ध स्वाध्याय भवन के लिए विहार कर दिया।