Saturday, September 21, 2024

शुगर पेशेंट यदि चाय के साथ शुगर फ्री लेते हैं तो क्या कोई साइड इफेक्ट तो नहीं होते?

प्रश्न अच्छा है।…

मधुमेह के रोगियों को ही क्या किसी को भी शुगर फ्री नहीं लेनी चाहिए।

आप पूछेंगे क्यों??

तो इसका उत्तर है कि आप या कोई भी यदि इसका निरंतर उपयोग करते हैं तो उससे हड्डियां शनैः-शनैः कमजोर हो जाती हैं और रोगियों को समझ भी नहीं आता है। कि आखिर उनका शरीर की हड्डियां कमजोर क्यों होती जा रही हैं। हड्डियों से कट कट की आवाजें आने लगती हैं तो समझिए मामला गंभीर है।

अब आप कारण जानना चाहेंगे कि आखिर एक छोटी….. सी शुगर फ्री की सफेद रंग की मीठी गोली इतनी हानिकारक कैसे हो सकती है?

चलिए पड़ताल करते हैं –

मधुमेह (डायबिटीज) रोगी के लिए सबसे बड़ी समस्या खान-पान में नियंत्रण (डाइट कंट्रोल) करना है, ताकि मधुमेह (शुगर) नियंत्रण में रहे। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए लोग शक्कर की चीजों से दूरी बनाए रखने के लिए चाय, कॉफी या दूसरी चीजों में शुगर फ्री की गोलियां उपयोग करते हैं। यहां तक की मिठाइयों में भी इन गोलियों का वर्चस्व है।
प्रायः लोगों को यह भ्रम रहता है कि शुगर फ्री से उनके स्वास्थ्य को हानि नहीं होगी साथ ही मधुमेह भी नियंत्रित रहेगी। किंतु एक शोधानुसार यह कृत्रिम मिठास उच्च रक्तचाप (हाइ ब्लडप्रेशर) एवं हृदय संबंधी रोगों को बढ़ाती हैं।
यह सत्य है कि बाजारों में शुगर फ्री शक्कर / चीनी के विकल्प के रूप में आ गई है।

किंतु इस विकल्प का वास्तविक रुप से प्रयोग कैसे? कितना? करना चाहिए, इससे सभी अनभिज्ञ हैं।

यदि आप शुगर फ्री की पैकिंग देखेंगे, तो उसके लेबल पर आपको एस्पॉर्टेम, सैक्रिन, सुक्रोज एवं रेबियाना जैसे पदार्थों के नाम लिखे हुए दिखाई देंगे। यदि आप ध्यान पूर्वक पढ़ते हैं तो ही दिखेगी क्योंकि यह छोटे-छोटे अक्षरों में लिखी होती है।
जिन कृत्रिम मिठास (आर्टिफिशियल स्वीटनर्स) को आप स्वास्थ्य के लिए लाभकारी समझकर पचा रहे हैं, वास्तव में यह चीनी से कहीं अधिक हानिकारक है। इन पदार्थों को प्राकृतिक उत्पादों के सम्मिश्रण से तैयार किया जाता है, लेकिन आपके मुंह तक पहुंचने से पहले ये उत्पाद किसी न किसी प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया से भी गुजरते हैं। अतः इन गोलियों के अत्यधिक उपयोग से बचे। आइए आपको बताते है शुगर फ्री के साइड इफेक्ट के बारे में- 👇

शुगर फ्री के हानिकारक प्रभाव (शुगर फ्री के साइड इफेक्ट्स) –

  1. कृत्रिम मिठास(आर्टिफिशियल स्वीटनर्स) अधिक लंबे समय तक उपयोग करने से कैंसर जैसी भयावह रोगों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
  2. प्रायः लोगों को भ्रम हो जाता है कि शुगर फ्री वजन संतुलित करने में मदद करती हैं। मैसाचुसेट्स जनरह हॉस्पिटल की एक रिसर्च अनुसार शुगर फ्री दुबले होने में कतई सहायक नहीं होती । यह मेटाबालिज्म एवं एपेटाइट पर विपरीत प्रभाव डालती हैं।
  3. माथे में पीड़ा, उल्टी , जोड़ों में दर्द, नींद न आना, घबराहट आदि इसके कुछ साइड एफेक्ट्स हैं, जो कुछ लोगों में नजर आते हैं।
  4. चीनी / शक्कर की बजाय कृत्रिम मिठास (आर्टिफिशियल स्वीटनर्स) के निरंतर उपयोग से पाचन क्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। यह आंतों में उपस्थित बैक्टीरिया पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे क्षुदा में कमी आती है।
  5. यह वजन में वृद्धि और हृदय संबंधी रोगों को जन्म दे सकता है। इसे विकल्पके रुप में प्रयोग करने से अच्छा है कि कभी-कभी चीनी थोड़ी… मात्रा में ले लीजिए।
  6. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर A. K. Sinha के अनुसार – यह सत्य है कि इसके निरंतर प्रयोग से आँखों की रौशनी प्रभावित होती है। आँखों की रौशनी को कम कर सकती है जिसके परिणामस्वरूप अस्पष्टता (आइ साइट) दृश्य की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

7 . पोषक तत्व विहीन शुगर फ्री गोलियों के सेवन से मेटाबॉलिज्म बुरी तरह प्रभावित होता है। दो तरह की बैक्टीरिया हमारे शरीर में रहती है गुड बैक्टीरिया और बैड बैक्टीरिया इन गोलियों के सेवन से गुड बैक्टीरिया की संख्या तीव्रता से क्षतिग्रस्त होती हैं एवं बैड बैक्टीरिया सक्रिय होकर तरह तरह-तरह की रोगों को जन्म देता है।

नोट – कृप्या इसके अतिरिक्त सेवन से बचें एवं सावधान रहिए।

डाॅ. पीयूष त्रिवेदी, एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ

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