ओ जी म्हारा साजन, रूसिया जाए नणद बाई मारग रोको सा
जयपुरl नेट थिएट कार्यक्रमों की श्रंखला में आज राजस्थान के सुप्रसिद्ध मांड गायक जोधपुर के बनारसी बाबू ने राजस्थान की चिर परिचित विभिन्न मांड गायकी के रंग बिखेरे तो राजस्थानी माटी की सुगंध चहूं ओर महकी कर संस्कृति जीवंत हो उठीl नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि उन्होंने प्रसिद्ध मांड उमराव थारी बोली प्यारी लागे महारा राज से कार्यक्रम की शुरुआत की, उसके बाद उन्होंने थारे रे म्हारे राड नहीं रे जूरी, अणबोल्यो मत जाए, बोल्यो तो होतो रे को सुनाया तो दर्शक झूम उठे। कलाकार बनारसी ने जब कुरजां मे सूती छी मैं, रंग महल में सूती ने आयो रे जंजाळ सुपणा रा बेरी नींद उड़ाई रे सुनाया तो राजस्थानी संस्कृति खिल उठी और अंत कुरजा ये म्हारा भंवर मिला दीजे रे सुना कर अपनी गायकी का परिचय दियाl बनारसी बाबू के साथ तबले पर अकबर हुसैन ने अपनी उंगलियों का जादू चला कर कार्यक्रम में संस्कृति के रंग भरे साथ ही हारमोनियम और गायन पर महिंद्र जौहरी ने सुरीली संगत कर संगीतमय माटी की सुगंध से लोगों को मंत्रमुग्ध कियाl कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी, प्रकाश और कैमरा मनोज स्वामी, साउंड तपेश शर्मा, सागर गढ़वाल, मंच सज्जा अंकित शर्मा नोनू और जीवितेश शर्मा की रहीl