उदयपुर। पुण्य का फल धर्म से प्राप्त होता है। ज्ञान रूपी सरोवर में अवगाहन करके अणुव्रत, संयम, त्याग, तप आदि से समीचीन ज्ञान को प्राप्त करें।ज्ञान अमृत सरोवर है जिस प्रकार अमृत का पान करने से व्यक्ति अमर हो जाता है, उसी प्रकार ज्ञान रूपी अमृत सरोवर से आप अमरता रूपी सिद्धालय को प्राप्त कर सकते हैं ।और चिर काल हमेशा के लिए जन्म मरण के परिभ्रमण से मुक्ति पा सकते हैं। यह मंगल देशना आचार्य शिरोमणि श्री वर्धमान सागर महाराज ने बीसा हूमड़ भवन उदयपुर की धर्मसभा में व्यक्त की। ब्रह्मचारी गज्जू भैया, पारस चित्तौड़ा, राजेश पंचोलिया ने बताया कि आचार्य श्री ने उपदेश में आगे बताया कि आपने पूर्व संचित पुण्य के कारण आर्य खंड के भरत क्षेत्र में तीर्थकरो के जैन कुल में जन्म प्राप्त किया है। आचार्य श्री ने उपदेश में यथाशक्ति अणुव्रत अहिंसा, सत्य, अचोर्य, ब्रह्मचर्य व्रत और परिग्रह का परिमाण कर धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा दी। आपके अच्छे कार्य कर्मो से पुण्य की प्राप्ति होगी। सभी आत्म तत्व को प्रगट कर समीचीन सम्यकज्ञान को प्राप्त कर मनुष्य जीवन को सार्थक करे।
आचार्य श्री ने पांडव पुराण के आधार पर बताया कि श्रीराम सम्यक दृष्टि ज्ञानवान थे, उन्हे सीता जी पर पूर्ण विश्वास था किंतु कुल खानदान के यश कीर्ति लोक लाज अपवाद के कारण सीता जी का त्याग किया। शांतिलाल वेलावत सुरेश पदमावत ने बताया कि मंगलाचरण के बाद आचार्य श्री शांति सागर जी के चित्र का अनावरण एवम् दीप प्रवज्जलन अतिथियों पदाधिकारियों ने किया। आज दिनांक 15.6. 2023 को बीसाहुमड़ भवन तेलीवाड़ा में आयोजित धर्म सभा में वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के पाद प्रक्षालन के पुण्यार्जक चंद्र प्रकाश जी कारवा परिवार शास्त्र भेंट खूबी लाल जी अदवासीया परिवार एवं मंगल आरती के पुण्यार्जक रमेश कुमार जी प्रद्युमन जी सेठ परिवार ने लाभ प्राप्त कियासंचालन प्रकाश सिंघवी ने किया। शाम को प्रतिदिन आचार्य श्री की महाआरती होती है। आचार्य शिरोमणी वात्सल्य वारिघि आ श्री वर्धमान सागर महाराज का 34 वा आचार्य पदारोहण 20 जून आषाढ़ सुदी दूज से 25 जून तक सकल जैन समाज उदयपुर द्वारा मनाया जावेगा। कार्यक्रम के पोस्टर का अतिथियों ने विमोचन किया।
राजेश पंचोलिया वात्सल्य भक्त परिवार से प्राप्त जानकारी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी