ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज का नूतन महल प्रवेश महोत्सव का भव्य आगाज
सुनील पाटनी/भीलवाड़ा। श्रद्धा के साथ भक्ति का संगम हो रहा था, पुष्पवर्षा के साथ राधे-राधे के जयकारे गूंज रहे थे। सैकड़ो महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश धारण कर रखे थे तो श्रद्धालुओं ने सिर पर श्रीमद् भागवत ग्रंथ को धारण कर रखा। ये नजारा बुधवार सुबह भीलवाड़ा शहर के उन क्षेत्रों में दिखा जहां से ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज का नूतन महल प्रवेश महोत्सव का आगाज होने के अवसर पर निकाली गई भव्य कलश शोभायात्रा गुजरी थी। श्री दूदाधारी गोपाल मंदिर नूतन महल प्रवेश महोत्सव समिति के तत्वावधान में जगद्गुरू श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्यामशरण देवाचार्यश्री ‘श्रीजी’ महाराज के सानिध्य में निकाली गई शोभायात्रा में संत-महात्माओं के साथ समाज के हर वर्ग से जुड़े भक्तजन शामिल थे। कलश शोभायात्रा के साथ 21 जून तक चलने वाले आयोजन का भव्य आगाज हुआ। आयोजन के तहत सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ भी बुधवार सुे शुरू हो गया। आयोजन के तहत दूदाधारी मंदिर में 108 पंडित मूल भागवत का प्रतिदिन सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक पाठ करेंगे। इसी तरह पंचकुण्डीय यज्ञ अनुष्ठान भी शुरू हो गया। महोत्सव के तहत प्रतिदिन रात 8 से 10 बजे तक कृष्णभक्ति के रंग से ओतप्रोत महारास का आयोजन भी होगा। कलश शोभायात्रा सुबह पेच के बालाजी मंदिर से शुरू हुई। शोभायात्रा श्रीचारभुजानाथ बड़ा मंदिर होते हुए कार्यक्रम स्थल सांगानेरी गेट स्थित श्री दूदाधारी मंदिर पहुंची। बड़ा मंदिर पहुंचने पर कलश शोभायात्रा का भव्य स्वागत मंदिर ट्रस्ट की ओर से किया गया। शोभायात्रा में भी श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। शोभायात्रा में महंत लक्ष्मणदासजी महाराज, मंहत मोहनशरण शास्त्री, मंहत रूेणवाल, मंदिर के पुजारी कल्याण शर्मा सहित निम्बार्क सम्प्रदाय के कई महंत व संत शामिल थे। शोभायात्रा में महिलाएं चुंदड़ी और पुरूष सफेद वस्त्रों में थे। शोभायात्रा में 108 पुरूष सिर पर श्रीमद् भागवत ग्रंथ लिए हुए एवं 400 महिलाएं मंगल कलश लिए हुए चल रही थी। शोभायात्रा में राजेन्द्र भदादा, नंदकिशोरजी, बाबूलाल कोगटा, राजू झंवर, केजी सोनी, बद्रीप्रसाद लढ़ा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे। कलश शोभायात्रा के दूदाधारी मंदिर पहुंचने के बाद वहां 108 जोड़ो द्वारा 108 मूल भागवत की पूजा की गई। इसके बाद 108 पंडितों ने इनका पाठ शुरू किया।
श्रीमद् भागवत कथा सुनने से जीवन हो जाता धन्य
ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज का नूतन महल प्रवेश महोत्सव के तहत सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आगाज अग्रवाल उत्सव भवन में बुधवार दोपहर व्यास पीठ से श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्यामशरण देवाचार्यश्री ‘श्रीजी’ महाराज के मुखारबिंद से हुआ। उन्होंने कथावाचन करते हुए कहा कि इस सृष्टि में मनुष्य ही है जो भागवत कथा जैसा आयोजन कर सकता है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से जीवन धन्य हो जाता है एवं यह परमात्मा की प्राप्ति का माध्यम है। भक्ति व श्रद्धा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण संसार के सर्वसुखों की प्राप्ति कराता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत परमात्मा से साक्षात कराने वाला पवित्र ग्रंथ है। भगवान की भक्ति सब कष्टों का अंत कर देती है। श्रीमद् भागवत प्रभु का प्रसाद एवं साक्षात दर्शन है। पहले दिन श्रीजी महाराज का स्वागत एवं कथा के अंत में व्यास पीठ की आरती करने वालों में सांसद सुभाष बहेड़िया, गोपाल सुखवाल, बाबूलाल कोगटा, राजेन्द्र झंवर, राकेश मेहता, गोपाल बल्दवा, विनोद समदानी, नाथुलाल समदानी शामिल थे। अतिथियों ने श्रीजी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति द्वारा किया गया। श्रीमद् भागवत कथा का वाचन प्रतिदिन दोपहर 3 से 6 बजे तक होगा।