राज पाटनी/लाडनूं। बड़ा दिगंबर जैन मंदिर जहां अपनी प्राचीनता व कलात्मकता, भगवान शांतिनाथ की वैराग्यमयी शांतमुद्रा युक्त प्रतिमा व कलात्मक अलंकार युक्त जैन सरस्वती की अनुपम प्रतिमा के लिए विख्यात है वहीं प्राचीन शास्त्रों व नवीन ग्रथों के विशाल संग्रह के लिए भी जाना जाता है। इन दिनों जैन धर्म व दर्शन के विद्वान व लाडनूं जैन समाज के सदस्य डा. सुरेन्द्र जैन के निर्देशन में इन जिनवाणी शास्त्रों व ग्रंथों का स्वच्छता, सुरक्षा व साज सज्जा के साथ सुचिबद्ध व मुहरीकरण किया जा रहा है। इस कार्य में डा. सुरेन्द्र जैन के साथ यश पाटनी, हर्ष पाटनी, आदित्य सेठी व अनंत सेठी परिश्रम, लगन व श्रद्धा के साथ सहयोग कर रहे हैं।