Monday, November 25, 2024

श्री सहस्त्र चण्डी नावकुण्डिय महायज्ञ 11 धूनी तपस्या का समापन

चंद्रेश जैन/श्रीमहावीरजी। समीप के गांव कैमला की धूनी पर चल रहे श्री सहस्त्र नावकुण्डिय महायज्ञ में 11धूनी अग्नि तपस्या का समापन हुआ। आयोजन समिति के बबली चतुर्वेदी ने बताया सिद्ध पीठ नागेश्वर बाबा की धूनी कैमला में 4 जून से चल रहे श्री सहस्त्र महायज्ञ में अग्नि तपस्या कर आचार्य प्रमोद गिरी महाराज के सानिध्य में आयोजित होने वाले 9 कुंडीय महायज्ञ में अंतिम दिन अग्नि तपस्या का विधिवत समापन हुआ। आचार्य प्रमोद गिरी महाराज ने बताया कि 41 दिन की है तपस्या। तपस्या का मूल उद्देश्य क्या है की सनातन धर्म चले संस्कृति के अंदर आध्यात्मिकता के लिए जो संतों में उर्जा चाहिए यह ऊर्जा तपस्या से आती है हमारी अखाड़े इसलिए बनाए गए थे कि सारे संत ऊर्जा प्रबंध रहे। ऊर्जा पैदा करके इस देश को राष्ट्र को सनातन धर्म चलाने का एक अच्छा सा कार्यक्रम करें क्योंकि महाराज जी ने स्वयं निर्णय लिया देश राष्ट्र सनातन संस्कृति और सभ्यता अदिति तपस्या करें। अध्यात्मिक में खाली तपस्या से काम नहीं चलता जब तक यज्ञ ना करें और यज्ञ में आहुति ना हो तो तपस्या और यज्ञ के द्वारा जो ऋचाए पैदा होती हैं ऋचा को पैदा करने का कार्य अभी हो रहा है। इसके लिए आज शाम को संत सम्मेलन होगा जिसमें देश के कोने-कोने से आए संत आज शाम को मंगल प्रवचन। इस मोके पर गंगापुर विधायक रामकेश मीना सहित जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में शिरकत की । कार्यक्रम में सोमवार को पूर्णाहुति व विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article