आचार्य वसुनन्दी जी के आशीर्वाद से हो रहा है निर्माण कार्य
मनोज नायक/जुरहरा। राजस्थान व हरियाणा की सीमा पर कांमा तहसील का एक छोटा व सांस्कृतिक गांव जुरहरा जहां अभिक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज की सुशिष्या जैन आर्यिका श्री पदम नंदनी माताजी के निर्देशन एवं सानिध्य में नेमीश्वर धाम का तेजी से निर्माण चल रहा है । जहाँ स्थानीय जैन समाज के सानिध्य में 31 टन वजनी विशालकाय जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ की प्रतिमा विशाल वेदी पर विराजमान हुई तो चारों तरफ जैन धर्म के जयकारे गुंजायमान हो गए। नेमीश्वर धाम निर्माण समिति के अध्यक्ष राकेश जैन ने अवगत कराया कि आर्यिका श्री पदम नंदनी माताजी के सानिध्य में विशालकाय प्रतिमा को तीन हाइड्रोलिक मशीनों के द्वारा णमोकार महामंत्र के उच्चारण के बीच वेदी पर विराजमान किया गया। इस अवसर पर आर्यिका माताजी ने कहा कि एक दिवा स्वप्न साकार रूप ले रहा है और अतिशीघ्र गुरुवर आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज के आशीर्वाद से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सम्पन्न होगी और श्रावको का एक भव्य तीर्थ से साक्षात्कार होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के विराजमान होते ही अतिशय हो रहे हैं। जहाँ तेज धूप खिली हुई थी वही प्रतिमा के विराजमान होते ही काली घटाए घिर आयी और वर्षा होने लगी। मानो स्वयं इंद्र अभिषेक कर रहे हो। जुरहरा के श्रावक श्रेष्ठि महेंद्र जैन ने बताया कि श्याम वर्णी प्रतिमा का निर्माण जयपुर में हुआ। सवा तेरह फुट ऊँचाई की पद्मासन प्रतिमा 36 बाई 75 के बड़े हाल के रूप में निर्मित मन्दिर मे विराजमान होगी। प्रतिमा का वजन लगभग 31 टन है तो जिस कमलासन पर विराजित हैं उसका वजन 10 टन है वही 13 फुट चोड़ी, सवा तीन फुट ऊची व पांच फुट गहरी वेदी व 11 फुट चौड़े कमल पर मूर्ति विराजमान की गई है। अमित जैन शंकरनगर ने बताया कि नेमीश्वर धाम के निर्माण में धर्म प्रभावना दिल्ली प्रदेश की महती भूमिका है। धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या ने कहा कि कामां तहसील को गौरव प्रदान हो रहा है जहां पूर्व में जम्बूस्वामी तपोस्थली बोलखेड़ा तीर्थ क्षेत्र है तो अब दूसरे तीर्थ का भी कामां तहसील में निर्माण हो रहा है। इस अवसर पर अरूण जैन प्रधान अंकुर विहार एवं महामंत्री धर्म प्रभावना संस्था सपरिवार ने क्षेत्र पर आर्यिका माता जी की कुटिया का शिलान्यास भी किया।