परिवार में मां का अपने बच्चों को संस्कारित करने का प्रमुख कर्तव्य होता है
फागी। पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में दिनांक 2 जून से शुरू हुए शिक्षण शिविर के भव्य उद्धघाटन के पश्चात दोपहर में रत्न करण्ड श्रावकाचार और तत्वार्थ सूत्र की कक्षाएं लगी तथा सांयकाल को हुई शास्त्र सभा और प्रश्न मंच में ,, शास्त्री सत्येंद्र जैन टीकमगढ़ ने महिलाओं को बताया की कैसे बच्चो को धर्म मार्ग में लाया जाए ,, अगर बचपन में ही उनकी उंगली पकड़ कर सही राह दिखाई जाए तो वो आपके अंत समय में आपके साथ रहेंगे ,, वरना संस्कार रहित और गलत संगत में पड़कर अपना जीवन बर्बाद कर देंगे , इसलिए मां का अपने बच्चे को संस्कारित करने का प्रमुख कर्तव्य होता है कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने अवगत कराया कि इसी कड़ी में आज शिविर के दूसरे दिन जैन धर्म रक्षक पाठशाला के बच्चों द्वारा प्रातः श्री जी का अभिषेक शांतिधारा और जिनपूजा की गई पूजन में बताया की जल, चंदन,अक्षत आदि अष्ट द्रव्य क्यों प्रभु के सामने अर्पण किए जाते है शास्त्री जी ने इसकी विस्तार से जानकारी देकर बच्चों को उत्साहित किया, कार्यक्रम संयोजक निखिल जैन एवं शिविर व्यवस्थापक विनोद मोदी ने बताया कि शिविर में भक्तामर स्तोत्र और बाल बोध की कक्षाएं हुई , सभी शिविरार्थी अच्छा लाभ ले रहे है। कार्यक्रम में समाज सेवी सोहनलाल झंडा, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा, महेंद्र बावड़ी, अशोक कागला, विनोद मोदी, कमलेश चोधरी, शैलेन्द्र कलवाडा, त्रिलोक पीपलू, तथा राजाबाबू गोधा सहित सभी श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।