Sunday, November 24, 2024

जगत कल्याण के लिए की शान्ति धारा

आज आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज का होगा भव्य प्रवेश

पुण्यवान जीवों के ही श्रेष्ठ विचार आते हैं: आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज

अशोक नगर। वर्षो बाद आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज अपने संघ सहित त्रिकाल चौबीस की नगरी अशोक नगर में पधार रहे हैं। आचार्य श्री के साथ मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज का भी आगमन हो रहा जिनकी दीक्षा स्थली सुभाष गंज का विशाल मैदान है। यही उन्होंने चौदह वर्ष पहले जनेश्वरी दीक्षा ग्रहण कर मुनि मार्ग पर चलने का संकल्प लिया था चौदह वर्ष बाद उनके आगमन पर शहर को तोरण द्वार वैनरो झाडो से सजाया जा रहा है। हम सब को मिलकर आचार्य संघ की अगवानी करना है उक्त आश्य के उद्गार मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने सुबह सुभाष गंज में व्यक्त किए। इसके पहले आज मंगलाष्टक के साथ राजेश कासंल, अदभुद फैसन व रोहित सिघई किया गया। इसके बाद भगवान का अभिषेक किया गया तद उपरान्त जगत कल्याण की कामना महा शान्ति धारा की गई। जिसका सौभाग्य मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा, महावीर जैन, विक्की मिर्ची, साहिल जैन सहित अन्य भक्तों ने प्राप्त किया।

विचारों की अभिव्यक्ति सब करना चाहते हैं

मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने बताया कि आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज ससंघ का निरन्तर विहार चल रहा है। उन्होंने कहा कि पुण्य हीन जीवों के श्रेष्ठ विचार नहीं आते पुण्य वान लोगों के ही श्रेष्ठ विचार आते हैं विचारों की तो अभिव्यक्ति सब करना चाहते हैं करते भी हैं लेकिन किसी को ये अंदाजा नहीं है कि कब कहा क्या बोलना है कितना बोलना है लोग कुछ भी बोलते चले जाते हैं कई बार तो बोलने से विसंवाद खंड़ा हो जाता है और स्थिति झगड़े की बन जाती है तो ऐसे बोलने से क्या फायदा जब भी बोले सोच समझ कर बोले जगत में श्रेष्ठ विचार वालो को ही अच्छा माना जाता है।

भारत की भूमि पर जन्म लेना भी पुण्य का उदय है

आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज ने कहा कि भारत की भूमि पर जन्म लेना ही पुण्य का उदय मनना जिस भूमि पर श्रेष्ठ पुरुषो का जन्म हो वह भूमि भी पुण्य के योग से मिलती है उन्होंने कहा कि गुणी जनों की संगति करना चाहिए गुण के मिश्रण से फीका आटा भी मीठा हो जाता है वैसे ही हम यदि गुणवानों की संगति में रहेंगे कुछ ना कुछ अच्छे गुण हमें भी प्राप्त हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ पाप ऐसे होते हैं जिनके करने पर पहे एहसास ही नहीं होता लेकिन जब उनका फल मिलता है तो उसको भोगना बहुत कठिन होता है पाप धर्म नहीं है पाप से बचना चाहिए इस काल में विवेक की आख को खोलकर रखना चाहिए जैन समाज अध्यक्ष राकेश कांसल, मंत्री राकेश अमरोद, कोषाध्यक्ष सुनील अखाई, थूवोनजी कमेटी के उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र रोकड़िया, मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा, उमेश सिघई, विनोद मोदी, राजीव चन्देरी, सुनील अखाई, नितिन बज, आशीष अथाइखेडा, संजीव भारिल्ल, उमेश सिघई, शैलेन्द्र श्रागर,प्रदीप तारई, अरविंद पत्रकार, अशीष बजरंगी, नरेश एडवोकेट, अजित वरोदिया, मनीष वरखेडा, राजेन्द्र अमन मेडिकल, मुकेश हार्डी, श्रेयांस घेला, प्रमोद मंगलदीप, संजय केटी, टिकंल जैन, निर्मल मिर्ची, नवीन सर सहित अन्य भक्तों ने श्री फल भेंट किए।

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