Monday, November 25, 2024

श्रीहरि हरात्मक महायज्ञ में यजमानो ने दी, 2लाख81हजार आहुतियां

रामकथा में हुआ भगवान श्री राम का राज्याभिषेक

विराटनगर। पौराणिक तीर्थ स्थल विराटनगर के श्री पंच खंडपीठ भीम गिरी पर्वत पर पंच खंड पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी सोमेंद्र महाराज के सानिध्य में चल रहे 108 कुंडीय श्रीहरि हरात्मक महायज्ञ में गुरुवार को यज्ञ आचार्य गणेश दास महाराज ने प्रधान कुंड पर विराजित संतोष जैन सहित 141 यजमानों को 2 लाख 81 हजार आहुतियां दिलवाई। अब तक 16 लाख 42 हजार आहुतियां दिलवाई जा चुकी है। इस दौरान पर्वत के मध्य स्थित एकादश रुद्र पांडवेश्वर मंदिर के पास निर्माणाधीन स्थल पर बाबा श्याम जी की मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह त्रिवेणी धाम से आए राम रिछपाल दास महाराज, एवं स्वामी सोमेंद्र महाराज के सानिध्य, पंडित गोपाल शुक्ल के आचार्यत्व में नरेश डालुका के यजमानत्व में संपन्न हुआ। जिसमें प्रातः मूर्ति का जलाधि वास तथा सायंकाल अन्नाधिवास का अनुष्ठान करवाया गया।
रामकथा में हुआ भगवान राम का राज्याभिषेक:- यज्ञ के दौरान आयोजित श्री राम कथा में कथावाचक अयोध्या धाम के गणेश दास महाराज ने भगवान श्री राम राज्याभिषेक तक प्रसंग सुनाकर मंत्रमुग्ध किया, श्रोताओं ने राज्याभिषेक पर खुशियां बटोरी। इससे पूर्व कथा के अनुसार भगवान श्रीराम ने बाली पुत्र अंगद को लंका में रावण के पास भेजकर माता जानकी को वापस लौटाने की सीख दी, परंतु रावण को यह सब कुछ मंजूर नहीं था, युवराज अंगद ने अपना बल प्रयोग भी दिखाया। और अंगद ने युद्ध का ऐलान किया। तदोपरांत भगवान श्रीराम ने श्वेतबंध रामेश्वरम की स्थापना कर लंका में प्रवेश किया। प्रसंग में रामा दल व लंका मैं रह रहे अनेक असुऱो के मध्य घोर संग्राम हुआ जिसमें लक्ष्मण शक्ति, हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाना, मेघनाथ वध, सती सुलोचना, कुंभकरण वध, तथा रावण का वध कर माता जानकी को वापस अयोध्या लाकर भगवान श्री राम का राज्याभिषेक करने तक का प्रसंग सुनाया, भगवान श्री राम के राज्याभिषेक पर श्रोताओं ने खुशियां बटोरी।

रासलीला में हुआ भगवान कृष्ण और रुक्मणी के विवाह का मंचन:- अंतरराष्ट्रीय आदर्श बाल राम कृष्ण लीला संस्थान श्री धाम वृंदावन से निर्देशक संजय वैष्णव के संयोजन में कलाकारों ने भगवान कृष्ण द्वारा रुकमणी का हरण कर विवाह करने की भव्य लीला का मंचन किया। जिसके अंतर्गत माता लक्ष्मी कुंदनपुर निवासी महाराज भिष्मक के यहां अवतार लिया, भिष्मक ने नारद से अपनी पुत्री के लिए योग्य वर तलाशने को कहा,इस पर नारद ने द्वारकाधीश को उनका वर बताया। महाराज ने पंडित कालीचरण को बुलाकर लग्न पत्रिका लिखवाई और शुभ मुहूर्त निकलवाकर द्वारकाधीश को पहुंचाया। द्वारकाधीश ने यह लग्न पत्रिका स्वीकार की। परंतु महाराज के पुत्र रूकम को यह विवाह पसंद नहीं था। वह रुक्मणी का विवाह चंदनपुर निवासी शिशुपाल के साथ करना चाहता था। भगवान कृष्ण कुंदनपुर मैं स्थित अवंतिका देवी के मंदिर में आकर रुक्मणी से विवाह किया और रुक्मणी ने द्वारकाधीश को वरमाला पहनाई। पंडित कालीचरण ने मां रुक्मणी और द्वारकाधीश का कन्यादान किया। इस प्रकार भगवान का विवाह मां रुक्मणी के साथ होने तक की लीला का भव्य मंचन किया गया। श्रोता गण भगवान और रुकमणी के विवाह पर खुशियां बटोरी।
इन्होंने की यज्ञ में शिरकत:- यज्ञ के दौरान भाजपा नेता देवनारायण लटाला, डॉ महेंद्र सिंह शेखावत, सीपी सैनी, गजानंद टीलावत, झींडाजी बालाजी के महंत सोहनलाल महाराज सहित अनेक लोगों ने यज्ञ मंडप के परिक्रमा लगाकर सुख समृद्धि की कामना की तथा उन्होंने राम कथा का श्रवण किया। मीडिया समन्वयक मामराज सोलंकी ने बताया कि यज्ञ में शांति विहार गणेश रोड के कल्याण सहाय सेठ गढ़ बसई वाले तथा पूरणमल मीणा की ओर से भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें करीब 35हजार लोगों ने पंगत प्रसादी ली। इस दौरान हरिराम मासी द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति दी, जिसमें श्रोता गणों ने भरपूर आनंद उठाया। यज्ञ व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन का भारी जाब्ता सुरक्षा व्यवस्था मे लगा हुआ था, वहीं सैकड़ों स्वयंसेवी एवं स्काउट्स अपनी सेवाओं में डटे हुए थे। शुक्रवार को यज्ञ की पूर्णाहुति होगी जिसमें भंडारा प्रसादी पावन धाम सेवा समिति की ओर से की जाएगी।

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