रामकथा में सुनाया माता जानकी के हरण व लंकादहन का प्रसंग
रासलीला में हुआ नागनाथन काली दह की लीला का मंचन
विराटनगर। श्री पंच खंडपीठ पावन धाम में श्री पंच खंड पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी सोमेंद्र महाराज के सानिध्य में चल रहे 108 कुंडीय श्रीहरि हरात्मक महायज्ञ में बुधवार को अयोध्या धाम के यज्ञाचार्य गणेश दास महाराज एवं उपाचार्य पंडित गोपाल शुक्ल में आचार्यत्व मे विद्वान पंडितो ने प्रदान कुंड पर विराजित संतोष जैन सहित 141 यजमानों को 2 लाख 71 हज़ार आहुतियां दिलवाई। आजतक 13 लाख 61 हज़ार आहुति दिलवाई जा चुकी है।
श्रद्धालुओं ने लिया संतो से आशीर्वाद:- यज्ञ में पधारे रेवासा धाम के राघवाचार्य जी महाराज एवं काला कोटा धाम से पधारे बलदेव दास जी महाराज से अनेक श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया ।
रामकथा में सुनाया जानकी के हरण और लंका दहन का प्रसंग:- यज्ञ में आयोजित रामकथा के दौरान कथा वाचक गणेश दास महाराज ने जानकी के हरण और लंका दहन प्रसंग के अंतर्गत पंचवटी पर विश्राम कर रहे भगवान राम माता जानकी व लक्षमण के पास रावण की बहिन सूर्पनखा ने आकर उनसे विवाह करने की इच्छा जताई परन्तु उनके इनकार करने के बावजूद भी सूर्पनखा द्वारा हठ करने पर लक्षमण ने उसके कान नाख भीद डाले इस बात को लेकर भगवान राम और खरदूषण के मध्य भयंकर युद्ध हुआ जिसमें खरदूषण सहित अनेक राक्षसों का वध भगवान राम द्वारा किया गया। सूर्पनखा ने जब यह समाचार लंकाधीपति रावण को सुनाया तो उसने मामा मारीच को मृग का वेश बनाकर माता जानकी का हरण करवाया भगवान राम और लक्ष्मण जानकी को ढूंढते ढूंढते किसकीन्दा पहुँचकर हनुमान की सहायता से वानर राज सुग्रीव से मित्रता की सुग्रीव अपने भाई बाली से अपनी भार्या एवं राज सिंहासन हड़पने से पीड़ित था जिस पर भगवान ने बाली का वध कर सुग्रीव को पुनः राजसिंहासन पर बिठाया तथा बाली के पुत्र अंगद को युवराज का पद दिलवाया वही सुग्रीव ने समस्त वानर भालूओं को चारों दिशाओं में भेजकर माता जानकी की खोज का आदेश दिया जिसपर हनुमान भगवान ने लंका में प्रवेश कर अशोक वाटिका में विराजमान माता जानकी से भेंट की हनुमान ने माता जानकी से फल खाने की इच्छा जताई जिस पर उन्होंने लंका का दहन किया।
रासलीला में किया नागनाथन काली दह लीला का मंचन:- संस्थापक शंकर लाल वैष्णव के संयोजन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बाल राम कृष्ण लीला संस्थान मथुरा से आये हुए कलाकारों के द्वारा नागनाथन काली दह लीला का मंचन किया गया जिसमें रमणतदीप से आया हुआ कालियानाथ जमुना जी मे रहने लगा नारद जी के कहने से कंश में नंद बाबा के यहाँ पत्रिका भेजकर कहा कि प्रातः 4 बजे एक करोड़ नील कमल के फूल रंगेस्वर महादेव पूजा के लिए कालीदह के कहने से आजाने चाहिए यदि फूल नही आये तो नव नंदो को पकड़कर काराग्रह में डलवा दिया जाएगा तथा कृष्ण व बलराम को कुवड़िया हाथी के पैरों तले दबवा दिया जाएगा भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को नाथ कर लाये और जमुना का जल निर्मल किया। यज्ञ समनवयक मामराज सोलंकी ने बताया यज्ञ के दौरान पावन धाम सेवा समिति द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें करीब 35000 लोगो ने पंगत प्रसादी पाई। यज्ञ व्यवस्थाओं को लेकर सैकड़ो स्वयंसेवको व स्काउट्स ने अपनी अपनी सेवाएं दी। हरिराम मासी द्वारा कार्यक्रम के दौरान लोक गीतों की प्रस्तुति दी। 2 जून को यज्ञ की पुर्णाहुति होगी।