Sunday, November 24, 2024

मकान तो चार दीवारों से बन जाते हैं लेकिन, घर बनाने और बसाने के लिए सब्र, समझ, प्रेम, और बड़े बुजुर्गों का सम्मान बहुत जरूरी है: अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज

ऊदगाव/महाराष्ट्र। भारत गौरव साधना महोदधि सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का विहार महाराष्ट्र के ऊदगाव की ओर चल रहा है विहार के दौरान भक्त को कहाँ की मकान तो चार दीवारों से बन जाते हैं लेकिन,घर बनाने और बसाने के लिए सब्र, समझ, प्रेम, और बड़े बुजुर्गों का सम्मान बहुत जरूरी है..! किसी बुजूर्ग से पूछा- दादा जी कैसी कट रही है ज़िन्दगी-? बुजूर्ग दादा जी ने बहुत सदे हुए लफ़्ज़ों में और रून्धे हुई आवाज में कहा- बेटा जहाँ से शुरू किया था सफ़र वहीं पे पहुंच गए, बेटियों को दामाद ले गये और बेटों को बहू ले गई। सच है मित्रो! आज की भाग दौड़ की ज़िन्दगी में कौन करता है बुजूर्गों की परवरिश-? कौन रखता है ध्यान-? कौन करता है उनकी सेवा-? हमारे घर, परिवार और समाज में, बुजूर्ग अपनों के बीच में भी अकेले हो रहे हैं। अपनों के साथ अकेलापन महसूस कर रहे हैं। कहीं कहीं तो उन्हें जान बूझकर अकेला छोड़ दिया जाता है या उम्र के ढलान पर उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ दिया जाता है। कहना गलत नहीं होगा आज देश के सर्वेक्षण में 40% बुजूर्गो का कहना है कि 44% प्रतिशत बेटे, 28% बहु और 14% से ज्यादा बेटीयों द्वारा बड़े बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार अशिष्ट वचन करने और कहने की बात सामने आ रही है। इसलिए आज हमारे बड़े बुजूर्ग शारीरिक रूप से कम, मानसिक रूप से ज्यादा अस्वस्थ दिख रहे और उम्र के पड़ाव से जूझ रहे हैं। दरअसल एकल परिवारों का चलन और स्वार्थ परक सोच, अधिक ऐजुकेशन की सोच ने आज की पीढ़ी को अकेला कर दिया है। जो आने वाले समय में उनके लिए ही घातक सिद्ध होगी। हमारे देश में जहाँ वानप्रस्थ आश्रम बनते थे, आज उसी देश में वृद्ध आश्रम कुकुर मुत्तो की तरह खुल रहे हैं, जो इस देश के दुर्भाग्य का द्योतक है। पहले भारत देश का एक बुजूर्ग चार जबान बेटों की परवरिश हँसकर कर लेता था और आज उसी देश के चार जवान बेटे मिलकर एक बुजूर्ग की परवरिश नहीं कर पा रहे हैं। नरेंद्र अजमेरा, पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article