मुरेना से गए प्रतिनिधि मण्डल ने किया निवेदन
मनोज नायक/मुरेना। जैन सन्त मुनिपुंगम सुधासागर जी महाराज को टिकटोली आगमन हेतु श्रीफ़ल अर्पित किया गया। परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिपुंगम श्री सुधासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार चल रहा है। वर्तमान में पूज्य मुनिश्री अतिशय क्षेत्र करगुवांजी (झांसी) में विराजमान हैं। चूंकि विहार के दौरान पूज्यश्री के मुरेना से निकलने की प्रवल सम्भावना को देखते हुए अतिशय क्षेत्र टिकटोली कमेटी ने श्रीफ़ल अर्पित करने का निर्णय लिया। गत दिवस श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र टिकटोली दूमदार (मुरेना) के अध्यक्ष राजेंद्र भण्डारी के नेतृत्व में क्षेत्र कमेटी टिकटोली, जौरा एवं मुरेना के गणमान्य साधर्मी बन्धुओं ने करगुवाजी झांसी पहुँचकर पूज्य मुनिश्री संघ के श्रीचरणों में श्रीफ़ल अर्पित कर टिकटोली आगमन हेतु निवेदन किया। कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र भण्डारी ने अतिशय क्षेत्र टिकटोली के अतिशय, इतिहास, अन्य सभी जानकारी एवं क्षेत्र पर चल रहे निर्माण कार्यां की जानकारी से मुनिश्री को अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल में शामिल सभी साधर्मी बन्धुओं ने एक स्वर में मुनिश्री से टिकटोली आगमन हेतु निवेदन किया। पूज्य मुनिश्री ने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहाकि अतिशय क्षेत्र टिकटोली एवं वहां विराजमान मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान दोनों ही मेरी स्मृति में हैं। मुरेना जिले का अतिशय क्षेत्र टिकटोली पुराने समय में अवश्य ही जैन धर्म का गढ़ रहा होगा। टिकटोली आगमन के संदर्भ में पूज्य मुनिश्री ने कहाकि गुरु आज्ञा शिरोधार्य है, पूज्य गुरुदेव की आज्ञा मिलने पर ही कुछ कहा जा सकता है। सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि यदि पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की स्वीकृति मिल गई तो पूज्य मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ससंघ का अतिशय क्षेत्र टिकटोली दूमदार (जौरा) मुरेना मध्यप्रदेश में अतिशीघ्र आगमन होगा। इस हेतु टिकटोली कमेटी ने आचार्य श्री विद्यासागर जी के पास जाने का निर्णय भी लिया है। पूज्य गुरुदेव को श्रीफ़ल अर्पित करने वाले प्रतिनिधि मण्डक में राजेन्द्र भण्डारी, प्रेमचंद जैन (वन्दना साड़ी), नवनीत शास्त्री, अनिल जैन व्याख्याता, दिनेश बरैया एडवोकेट, योगेंद्र जैन, पंकज जैन मेडिकल, सुभाषचंद्र सैथरी, दिलीप जैन जौरा, आर के जैन जौरा, राजीव जैन टीटू, शैलेन्द्र जैन शैलू, अजय जैन गौसपुर, नवीन जैन चैटा सहित अनेकों गणमान्य साधर्मी बन्धु उपस्थित थे।