फरीदाबाद। अयुद्ध (माता अमृतानंदमयी मठ की अंतर्राष्ट्रीय युवा शाखा), अमृता अस्पताल, औरअमृता विश्वविद्यालय ने सी-20 के अंतर्गत विभिन्न लोकोपकारी परियोजनाओं के क्रम में ग्लोबल सीडबॉल अभियान का शुभारम्भ किया। सिविल 20 इंडिया 2023 की अध्यक्ष, श्री माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा), के मार्गदर्शन में इस सीडबॉल अभियान का वैश्विक शुभारंभ इस साल अप्रैल में किया गया था। ग्लोबल सीडबॉल अभियान का उद्देश्य वर्ष 2023 में 1 मिलियन सीडबॉल बनाना है। इस अभियान को सी-20एसआरसी वर्किंग ग्रुप और अयुद्धमिलकर पूरे विश्व में क्रियान्वित कर रहे हैं। राजेश नागर (विधायक, तिगांव) और श्री सत्यानंद मिश्रा (सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और भारत के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त) सोमवार शाम 29 मई को कार्यक्रम में शामिल हुए। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में स्वामी निजामृतानंद पुरी (प्रशासनिक निदेशक, अमृता अस्पताल), डॉ. संजीव सिंह (चिकित्सा निदेशक, अमृता अस्पताल), ब्रह्म. मोक्षामृतचैतन्य (राष्ट्रीय समन्वयक अयुद्ध इंडिया, माता अमृतानंदमयी मठ की युवा शाखा), ब्रह्म. हर्षामृत (समन्वयक अमृता अस्पताल) शामिल हैं। श्री संदीप गिरिधर निदेशक, मॉडर्न डीपीएस स्कूलऔर सेंट कोलंबस स्कूल के सदस्यभी उपस्थित थे।
इस सीडबॉल अभियान के शुभारंभ में सैकड़ों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें सीडबॉल बनाना, मिट्टी और खाद के मिश्रण से शुरू होकर, सीडबॉल को अंतिम रूप देने तक शामिल है। इन सीड बॉल्स को तैयार करने के लिए कई स्थानीय किस्मों के बीजों का इस्तेमाल किया गया है। कार्यक्रम में अन्य सीएसओ और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, अमृता अस्पताल के कर्मचारी जिनमें कई डॉक्टर, इंजिनियर, नर्स, अमृता विश्वविद्यालय के छात्र और आसपास के स्कूलों के छात्र और शिक्षक भी शामिल थे। अपने संबोधन में श्री. नागर ने कहा कि, “अम्मा द्वारा शुरू किया गया यह सीडबॉल अभियान हमारे वन क्षेत्रों को पुनर्स्थापित करने के लिए एक बड़ी पहल है”। अपने स्थानीय क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और अवसरों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि, “अम्मा की संस्था हमेशा स्थानीय क्षेत्र के कल्याण के लिए गतिविधियाँ करती रही है और अमृता अस्पताल के कारण आसपास के क्षेत्रों में बहुत विकास हो रहा है।” वनों की बहाली पर जोर देते हुए, अमृता अस्पताल फरीदाबाद के प्रशासनिक निदेशक, स्वामी निजामृतानंद पुरी ने कहा, “ये सीडबॉल आने वाली सभी पीढ़ियों के लिए भविष्य के बीज ले जाते हैं।” उन्होंने विधायक जीको अमृता अस्पताल के लिए उनके निरंतर समर्थन और सद्भावना के लिए धन्यवाद दिया।
ब्रह्म. मोक्षामृत ने इस कार्यक्रम मेंउपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे इस अभियान के लिए इस वर्ष निर्धारित किए गएदसलाखसीडबॉल के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर दिन अपने समय में से कुछ घंटे समर्पित करें। “यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम बढतीहुईपर्यावरण सम्बंधित समस्याओंकी गंभीरता को समझें। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसेमुद्दे भविष्य में पूरे विश्व के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं। अगर हम अब भी नहीं जागे तो शीघ्र ही महामारी के जैसी स्थिति पुनः पूरे विश्व में उत्पन्न हो सकती है । एक वैश्विक नागरिक के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हमसे जितना हो सके, हमप्रकृति में संतुलन स्थापितकरने के लिए करें।सीडबॉल बनाना दूसरी प्रकृति को कुछ वापस देने का एक बहुत ही सरल तरीका है। मानसून शुरू होने से पहले, आइए हम अधिकतम सीडबॉल बनाने की पूरी कोशिश करें और अपने समुदायों और परिवारों में दूसरों को भी आगे आने और इस सीडबॉल अभियान में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। आइए हम इस विश्वव्यापी आंदोलन का भाग बंकरहाथों में हाथ मिलाते हुए दुनिया भर में आशा के बीज बिखेरें, और अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक भविष्य में अच्छेपर्यावरण के लिए एक नींव रखें।”
डॉ. मनीषा सुधीर, प्रोवोस्ट, अमृता विश्व विद्यापीठम और सस्टेनेबल एंड रिसीलिएंट कम्युनिटीज पर C20 वर्किंग ग्रुप की प्रमुख, ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा, “हर व्यक्ति के हाथों में आशा और परिवर्तन के बीज बोने की शक्ति निहित है। हमारे C20 वर्किंग ग्रुप द्वारा शुरू किया गया यह अभियान हमारे ग्रह के पारिस्थितिक तंत्र के नाजुक संतुलन को बहाल करने की कुंजी रखता है, जिससे कल हरियाली की उम्मीद फिर से जगमगा उठती है। अम्मा द्वारा इस वर्ष C20 के हिस्से के रूप में शुरू किए गए इस अनूठे सीडबॉल अभियान में बड़ी संख्या में सीडबॉल का उत्पादन करना और फिर इन सीडबॉल को वन क्षेत्रों में बिखेरना शामिल है, जहां वनस्पति वांछित है और अंकुरित होने और परिपक्व पौधों या पेड़ों में विकसित होने के लिए प्राकृतिक मानसून वर्षा पर निर्भर है। सीडबॉल मिट्टी और बीजों से बनी एक छोटी गेंद या गोली होती है। सीडबॉल्स वनों और मिट्टी की बहाली के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्राचीन तकनीक है और अब पारिस्थितिक बहाली की आधुनिक विधि के रूप में लोकप्रियता प्राप्त कर रही है। इस ग्लोबल अभियान के अपडेट सोशल मीडिया पर हैशटैग #seedsofhope के साथ देखे जा सकते हैं।