पखवाज और तबले की जुगलबंदी ने जमाया
जयपुर। नेट थिएट कार्यक्रमों की श्रंखला में आज कल्पना संगीत विद्यालय के साधनारत नवांकुर कलाकारों की पखावज और तबले की जुगलबंदी ने ऐसा रंग जमाया कि दर्शक वाह-वाह कर उठे। नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि संगीत गुरु पं आलोक भट्ट के शिष्य बीर तिवाडी और शशि मोठिया ने पखावज और तबले की जुगलबंदी में तीन ताल में प्रस्तुत पारंपरिक सबक दोनों उदयीमान कलाकारों ने अपने वादन में प्रस्तुत किया। सूरज मोठिया ने अपने तबला वादन में दिल्ली घराने के कायदे, टुकड़े, गत प्रमुख रहे। धा तिरकिट धा, गेना का कायदा धा तीट के बोल को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया। पखवाज कलाकार अबीर तिवाडी ने पखावज पर परने चाला, कायदा जुगलबंदी आदि प्रमुख रहे। तीटिकता के बोल पखावज के प्रारंभिक सबक ने सभी को आनंदित किया। इन कलाकारों के साथ सूरज मोठिया ने लहरें पर असरदार संगतकर पखवाज और तबले की जुगलबंदी को ऊंचाइयां देकर कार्यक्रम को सफल बनाया। आपको बता दें यह तीनों कलाकार 13 से 14 वर्ष की आयु के हैं और बड़ी लगन के साथ संगीत की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी, कैमरा लाइट मनोज स्वामी, साउंड तपेश शर्मा, मंच व्यवस्था सागर गढ़वाल एवं अंकित शर्मा नोनू की रही।